Hindi NewsUttar-pradesh NewsShamli NewsEmergency Services at District Hospital Transformed into OPD Due to Surge in Patients

जिला अस्पताल की इमरजेंसी बनी ओपीडी

Shamli News - शुक्रवार को जिला अस्पताल में मरीजों की अचानक भीड़ के कारण इमरजेंसी सेवा को ओपीडी में बदलना पड़ा। हड्डी रोग विशेषज्ञ की ड्यूटी पुलिस भर्ती परीक्षा में थी, जबकि दूसरे डॉक्टर को ड्राइविंग लाइसेंस के...

Newswrap हिन्दुस्तान, शामलीFri, 17 Jan 2025 10:18 PM
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शुक्रवार को जिला अस्पातल में अचानक बढी मरीजों की भीड के चलते अस्पताल की इमरजेंसी भी ओपीडी बन गई। क्योंकि जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ की डयूटी विभाग द्वारा नई मंडी शामली में चल रही पुलिस भर्ती अभियार्थीयों की मापताल परीक्षा में लगाई गई है। और दूसरे हड्डी रोग चिकित्सक को मरीजों के इलाज के साथ साथ ड्राइविंग लाइसैंस के लिए भी सत्यापन करने पड रहें है। जिस कारण शुक्रवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ही ओपीडी कार्य भी किया गया। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 1 हजार से अधिक मरीजों के पर्चे बनाए जाते है। जिनका इलाज ओपीडी में बैठे चिकित्सक रोग जांच कर करते है। लेकिन शुक्रवार को अचानक मरीजों की भीड उमड पडी। जिस कारण जिला अस्पताल के ओपीडी कक्षों के बहार मरीजों की लम्बी लम्बी लाईन लग गई। जिला अस्पताल की हड्डी ओपीडी में दो चिकित्सकों की तैनाती की गई है। जिनमें से एक चिकित्सक डा. रामनिवास हड्डी रोग विशेषज्ञ की डयूटी नवीन मंडी शामली में चल रही पुलिस भर्ती के अभियार्थियों की शारिरीक मापदंड परीक्षा में लगाई है। जिस कारण अस्पताल में तैनात हड्डी रोग चिकित्सक डा. राघव अग्रवाल को मरीजों की जांच के साथ साथ ड्राईविंग लाईसेन्स के सत्यापन का कार्य भी अकेले करना पडा। जिस कारण मरीजों की सुविधा को देखते हुए डा. राघव अग्रवाल ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ड्राईविंग लाईसेन्स के सत्यापन के साथ साथ ओपीडी भी की। जिससे मरीजों को भी चिकित्सा के लिए अधिक समय तक इतजार नही करना पडा। शुक्रवार को जिला अस्पताल में करीब 1640 मरीजों के पर्चे बनाए गए। जों सामान्य दिनों से करीब 25 फीसदी अधिक है। वही जिला अस्पताल की हड्डी ओपीडी में भी शुक्रवार को 250 के करीब मरीजों का इलाज किया गया।

कोट

ड्राईविंग लाईसेन्स के अभियार्थियों की मेडिकल रिर्पोट का सत्यापन अब ऑनलाइन होने लगा है। बार-बार ओपीडी से इमरजेंसी जाना पडता था। जिससे मरीजों को इलाज के लिए आधिक इंतजार करना पडता रहा था। मरीजों की सुविधा को देखते हुए इमरजेंसी में ही ओपीडी बनानी पडी। और दोनों कार्य समय पर होते रहें।

डा. राघव अग्रवाल -हड्डी रोग चिकित्सक

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