राक्षसो का संघार करने वाली है माँ दुर्गा का सांतवा स्वरूप है, माँ कालरात्रि
Shamli News - चैत्र नवरात्रि के छठें दिन मां कालरात्रि देवी की पूजा शक्ति पीठ दुर्गा देवी मंदिर में की गई। श्रद्धालुओं ने सुबह स्नान के बाद पूजा की। मुख्य पुजारी चन्द्रमोहन शास्त्री ने अभिषेक और आरती का आयोजन किया।...

चैत्र नवरात्रि के छठें दिन शक्ति पीठ दुर्गा देवी मन्दिर में मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि देवी की पूजा अर्चना की गई । प्रातः ही श्रद्धालुगण स्नान आदि के उपरान्त अपने अपने घरों में में की ज्योत जगाकर पूजा-अर्चना कर शक्ति पीठ दुर्गा मन्दिर में विराजमान में कालरात्रि देवी के दर्शन को पहुंचे, जहां पर मुख्य पुजारी चन्द्रमोहन शास्त्री द्वारा मां का अभिषेक के उपरान्त आरती उतारी। आरती के उपरान्त दुर्गा सप्तशती पूजन कराया जिसमें प्रबन्ध समिति के प्रबन्धक राकेश शर्मा सपत्नीक यजमान के रूप मे पूजा-अर्चना में शामिल रहे। इस अवसर पर पंडित चन्द्रमोहन शास्त्री ने श्रद्धालुओं को बताया कि नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा ने ये स्वरूप दानवों का संहार करने के लिए धरा था। ऐसे में जो भी व्यक्ति माता रानी के इस रूप की सच्चे मन से पूजा करता है, उसके सभी दुखों का नाश होता है। कालरात्रि देवी अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं, यही वजह है कि इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है, मां कालरात्रि की पूजा-आराधना से भय और रोग का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं देर शाम महाआरती का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर मां का आशीर्वाद गृहण किया।
इस दौरान प्रबन्ध समिति के उपेन्द्र गुप्ता ,संजीव अग्रवाल, रविन्द्र कुमार, राकेश शर्मा, आदेश गर्ग, रोमिल मित्तल आदि मौजूद रहे।
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