मिट गया बाववाला ऐतिहासिक कुएं का अस्तित्व
Shamli News - थानाभवन कस्बे में बाव वाला कुआं एक प्राचीन धरोहर है, जो अब मिट्टी भराव और अवैध कब्जे के कारण अस्तित्व खो रहा है। स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि यह कुआं रानियों के स्नान करने के लिए प्रसिद्ध था। नगर...
जिले में कई पुरानी धरोहर विलुप्त होती जा रही हैं समुचित रखरखाव न होने से इनका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है जिला प्रशासन और ना ही किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कभी इनकी सुध ली जाती है। यही हाल रहा तो ये धरोहरें पूरी तरह मिट जाएगी। थानाभवन कस्बे में बाव वाला कुआं भी एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक धरोहर हैं लेकिन कुएं में मिट्टी भराव कर बाउंड्री के अंदर कर लेने के कारण शायद ही आज कोई इस कुए को जानता हो अवैध कब्जे के कारण आने वाले समय में इसकी जानकारी आने वाली पीढ़ी को नहीं हो सकेगी। पड़ताल में देखने को मिला कि बाव वाला कुआं अब सिर्फ सुनने को ही है यहां अब इसका कोई अस्तित्व नहीं बचा है। पड़ोस में ही रहने वाले करीब 95 वर्षीय भज्जू नाम के बुजुर्ग बताते हैं कि जब हम छोटे थे तब से देखते हुए आए हैं कि यहां पर सदियों पुराना एक कुआं होता था। जिसमें से कई सुरंगे थी। कुए में नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई थी। कुआं बड़े व्यास का था और कुएं के अंदर एक कुआं और मौजूद था। पुराने समय में यहां रानियां स्नान करती थी। कुएं से कस्बे के अंदर एवं अन्य कई जगह तक यहां तक की गोसगढ़ गांव में सुरंग के जरिए रास्ता जाता है। करीब 50 साल पूर्व जब उन्होंने अपने घर में पानी के लिए बोरिंग कराया था बोरिंग करते समय उनके घर के नीचे से सुरंग मिली थी। अब कुएं पर कुछ लोगों ने बाउंड्री करके मिट्टी भराव कर अपने कब्जे में कर लिया है। पास के ही 70 वर्षीय अजीज का कहना है कि पुराने समय में यहां पर कुआं होता था इसमें कई दरवाजे हैं और उनके दरवाजों से सुरंग होकर जाती थी जलालाबाद, शामली आदि अन्य कस्बे की ओर सुरंग जाती है। कुएं में भरे हुए कीचड़ से आसपास के लोग कीचड़ निकालकर अपने घरों पर लगाते थे यह बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक कुंआ है लेकिन अब उस पर कुछ लोगों ने मिट्टी भराव कर कब्जा कर लिया है। आज भी अगर कुएं की खुदाई हो तो कुआं यहीं पर मौजूद है और छोटी ईटों से बना हुआ है। पास के ही 60 वर्षीय हमीद का कहना है कि यहां पर बाव वाला कुआं के नाम से एक कुआं होता था जिसकी बड़ी चौड़ाई होती थी कुएं के अंदर कई सुरंग बनी हुई है। इसके अंदर कमरे भी बने हुए है। सुरंग से पुराने समय में बादशाह लोगों का आना-जाना होता था और उनकी रानियां यहां स्नान करती थी। कुएं में सीढ़ियां थी लेकिन अब इसका अस्तित्व खत्म हो चुका है मिट्टी भराव करके इस पर कब्जा करके बाउंड्री वॉल कर ली गई है।
इस संबंध में नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने बताया कि आपके द्वारा बताने से जानकारी मिली है पुराने कागजों में रिकॉर्ड देखने के बाद ही जानकारी दे पाएंगे। अगर किसी का अवैध अतिक्रमण है तो नियम अनुसार अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
कई कहानियां है प्रचलित
उत्तर प्रदेश में जिस तरह से संभल में पुराने ऐतिहासिक कुआं और बावड़ी मिलने का सिलसिला जारी है वहीं अगर थानाभवन में स्थित ईदगाह के पास बाव वाले कुए के नाम से प्रसिद्ध वर्षो पुराने ऐतिहासिक कुए की खुदाई हो और पुरातत्व विभाग जानकारी करें तो इसके इतिहास की जानकारी एवं इसको दोबारा से अस्तित्व में लाया जा सकता है। कुएं के बारे में आसपास के लोगों में कहानी प्रचलित है कि यहां से राजा महाराजा सुरंग के जरिए दूसरी अन्य जगहों पर अपने किलो में आया जाया करते थे।
दर्जनों कुओं का कब्जे के कारण खत्म हो चुका है अस्तित्व
थानाभवन कस्बे में ईदगाह के पास ही कई ऐसे कुए मौजूद थे जो अब लोगों के द्वारा कब्जे करके उनका अस्तित्व खत्म किया जा चुका है रेलवे स्टेशन के पास भी पुरानी ईटों का एक छोटा कुआं मौजूद था। वही मोहल्ला छिपियाँन में भी तिलगरों के पास एक कुआं मौजूद था जिसका अब अस्तित्व नहीं है।
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