परमात्मा सृष्टि के कण-कण में विद्यमान है-सचिदानंद महाराज
Shamli News - 45 शामलीशहर के आर्य समाज मंदिर में 150 वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय आर्य सम्मेलन कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। शुक्रवार को वैदिक उपदेशक स्वामी सचिदानंद मह

शहर के आर्य समाज मंदिर में 150 वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय आर्य सम्मेलन कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। शुक्रवार को वैदिक उपदेशक स्वामी सचिदानंद महाराज और भजनोपदेशक पंडित दिनेश पथिक पंजाब ने वेदिक भजन एवं प्रवचन के माध्यम से सबका का मार्गदर्शन किया। आर्य सम्मेलन के प्रथम दिवस के वैदिक यज्ञ में राजपाल सिंह आर्य, नितिन वर्मा आर्य, गिरधारी लाल आर्य, एवं सुंदर लाल आर्य सपत्नीक यजमान रहें। यज्ञ ब्रह्मा आर्य समाज के पुरोहित आदित्य आचार्य रहे। जिसके आर्य समाज के परिसर में ओम ध्वज का रोहन किया गया। वैदिक भजन उपदेशक पंडित दिनेश पथिक ने अपने भजन मेरे उत्तर के दरबार में सब लोगों का खाता जो कोई जैसी करणी करता वैसा ही फल पाता सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। स्वामी सचिदानंद महाराज ने प्रवचन करते हुए कहां कि आर्य समाज वैदिक ज्ञान के आधार पर ईश्वर सरस्वती मां सर्वव्यापक आजन्म और न्यायकारी बताता है। जिसे संसार में कोई भी झुठला नहीं सकता है। परमात्मा सृष्टि के कण-कण में विद्यमान है। ईश्वर के स्वरूप को लेकर अनेक मतों, पंथ और धर्म के विद्वानों ने अलग-अलग व्याख्या की है। परमात्मा सुख स्वरूप है, सर्वशक्तिमान है। परमात्मा ही हमारे दोस्तों को दूर करते हैं। इस अवसर पर रघुवीर सिंह आर्य, राजपाल सिंह आर्य, नितिन वर्मा आर्य, गिरधारी लाल आर्य, सुभाष धीमान, विनोद तोमर आर्य, रामकुमार गुप्ता, नरेंद्र आर्य, सुंदरलाल आर्य, राजीव धीमान, सचिन धीमान, गौरव आर्य, कमला आर्य, संतोष आर्या, सुनीता पाल आर्य, मिथिलेश आर्य, अमिता आर्य, कौशल्या आर्य आदि उपस्थित रहे।
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