आपरेशन बाघिन होल्ड होने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
ग्रामीण इलाके की बीस हजार से अधिक आबादी को वन विभाग ने बाघिन बसंती के रहमो करम पर छोड़ दिया है। बाघिन पकड़ने आई टीम दो सप्ताह से गायब...
ग्रामीण इलाके की बीस हजार से अधिक आबादी को वन विभाग ने बाघिन बसंती के रहमो करम पर छोड़ दिया है। बाघिन पकड़ने आई टीम दो सप्ताह से गायब है। आपरेशन बाघिन होल्ड हो जाने से ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश है।
नगला इब्राहिम गांव में विगत दिसंबर से टिकी बाघिन नगला मधा, हतसा, मकरंदापुर, अलियापुर, परशुरामपुर, पलिया, परमानंदपुर, सैदूपुर, कमलापुर, भुड़िया, जल्लापुर, फत्तेपुर, कपूरापुर इलाके तक भ्रमण कर रही है। दो महीने तक वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट की टीम ने बाघिन पकड़ने का अभियान चलाया। पहले नगला मधा और मकरंदापुर फिर नगला इब्राहिम में लगातार दो पिजरें लगाकर बाघिन पकड़ने की कोशिश हुई, लेकिन चौकन्नी बाघिन पिंजरों में नहीं आई। थक हार कर टीम दो सप्ताह पहले मुख्यालय वापस गयी तो अब तक नहीं लौटी। फिलहाल स्थानीय वनकर्मी कैमरों और पगचिन्हों के सहारे बाघिन की निगरानी भर कर रहे हैं। टाइगर प्रोजेक्ट की टीम नदारद होने से बाघिन पकड़ने का अभियान रूक गया है। वनकर्मियों के मुताबिक, टीम को आपात जरूरत के लिए मुख्यालय बुलाया गया है, लेकिन टीम के वापसी न आने से ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश बढ़ रहा है। दरअसल बाघिन के डर से खेती-बाड़ी के काम ठप हैं। पानी खाद और रखवाली के अभाव में गेहूं सरसों की फसलें खत्म हो गयी हैं। गन्ना कटाई के बगैर खेतों में सूख रहा है। वनकर्मी श्याम सिंह ने बताया टीम वापस आई थी, लेकिन आपात कालीन जरूरत के लिए फिर मुख्यालय बुला ली गयी है। बाघिन की लोकेशन लगातार ट्रेस की जा रही है। ग्रामीणों से सतर्क रहने को कहा जा रहा है।
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