Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़शाहजहांपुरTwenty-one objections of each village more trouble for the general class

एक-एक गांव की बीस-बीस आपत्तियां, सामान्य वर्ग को अधिक परेशानी

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हुए आरक्षण को लेकर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। सबसे ज्यादा सामान्य वर्ग के लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरSat, 6 March 2021 03:14 AM
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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हुए आरक्षण को लेकर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। सबसे ज्यादा सामान्य वर्ग के लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं। प्रधान पदों को लेकर आपत्तियों की तो बाढ़ ही आ गई है। दूसरे नंबर पर जिला पंचायत सदस्य पद को लेकर आपत्तियां आ रही हैं। आपत्तियां दाखिल करने के दूसरे दिन शुक्रवार को डीपीआरओ आफिस में 159 लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर आरक्षण पर पुन: विचार करने की मांग की है। अब तक कुल 285 आपत्तियां दर्ज की गई हैं। इसमें कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां से बीस-बीस आपत्तियां दर्ज कराई गई हैँ। इसी तरह से कुछ लोगों ने आपत्तिपत्र देकर बताया कि उनके गांव में दलित परिवार एक ही रहता है, इसके बाद भी ग्राम पंचायत को दलित आरक्षित कर दिया गया है।

शुक्रवार को प्रधान पद पर मदनापुर से 6, जलालाबाद से 9, मिर्जापुर से 4, कलान से 2, तिलहर से 22, जैतीपुर से 8, खुदागंज से 3, निगोही से 3, पुवायां से 7, बंडा से 12, खुटार से 6, सिंधौली से 40 आपत्ति आईं। वहीं बीडीसी पद के लिए भालखेड़ा से 16, ददरौल से 4, कांट से 12, निगोही से एक आपत्ति दर्ज की गई। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए तिलहर से 1, खुदागंज से 2, निगोही से 1 आपत्ति दर्ज की गई। डीपीआरओ पवन कुमार ने बताया कि आपत्तियां को लेकर दो काउंटर लगाए हैं। रोजना आने वाली आपत्तियों को क्रमश: रिकॉर्ड रखने के लिए अलग अलग रजिस्टर बनाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस को लगवाया जाएगा।

4 से 8 मार्च तक पंचायत चुनाव की आपत्तियां दर्ज करने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है, जसके बाद कलक्ट्रेट, विकास भवन व जिला पंचायत कार्यालय में सुबह दस बजे से देरशाम तक दूरराज ग्रामीण क्षेत्रों की भीड़ जुटने लगी है। गांव से आने वाले प्रधान पद, बीडीसी व जिला पंचायत उम्मीदवारों के साथ कम से कम दस से पांच लोग आते हैं, फिर वह आपत्तिया दर्ज कराने के लिए जगह तलाशते हैं कि वह बैठकर वार्ता कर सके कि वह क्या क्या आपत्तियां लिखें। इसके लिए कलेक्ट्रेट में अल्पसंख्यक आफिस के पीछे लगा अशोक का वृक्ष इस समय गांव वालों की पंचायत अड्डा बन गया है।

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बंडी गांव के लोगों ने दर्ज कराई बड़ी आपत्ति

बंडा । निवर्तमान प्रधान व गांव के लोगों ने ग्राम प्रधान की सीट के पिछड़ा वर्ग की सीट आने पर आपत्ति जताई है। सामान्य सीट की मांग करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र दिया है।

विकास खंड बंडा की ग्राम पंचायत बंडी की निवर्तमान प्रधान रामवती इसी ग्राम पंचायत के सुरेंद्र पाल, नरेंद्र कुमार, अरविंद कुमार, वेदराम कुशवाहा, रमानिकेतन दीक्षित, वीरेन्द्र कुमार, कपिल दीक्षित, हरीश कुमार, मुनीश कुमार, विमलेश, सुरभित सिंह, विजय कुमार, सत्यप्रकाश, नन्हेंलाल, हरिप्रसाद आदि लोगों ने जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र देकर आपत्ति जताई है कि उनकी ग्राम पंचायत बंडी में विगत 2010 में पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित सीट थी और वर्ष 2015 में अनुसूचित जाति की महिला के लिए सीट आरक्षित हुई थी और 2021 में फिर से पिछड़ा वर्ग की सीट आरक्षित हुई है, जबकि हमारी ग्राम पंचायत में सामान्य सीट होनी चाहिए । लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत में पिछड़ा वर्ग के वोटर बहुत कम हैं, जबकि सामान्य व हरिजन वोटरों की संख्या ज्यादा है।

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