गड्ढे से उछल आरी वाले तार पर गिरे बाइक सवार, एक की मौत
Shahjahnpur News - खुदागंज के सूथा गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें 15 वर्षीय विकास की बाइक दुर्घटना में मौत हो गई। बाइक खड़ंजे पर गड्ढे में फंस गई, जिससे वह बार्बेड वायर पर गिर गए। विकास की मौके पर ही...
खुदागंज (शाहजहांपुर)। खुदागंज थाना क्षेत्र में सूथा गांव में मंगलवार दोपहर दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। खडं़जे पर गड्ढे की वजह से उछले बाइक सवार खेत में लगे आरी वाले तारो पर गिरे। इस हादसे में एक बालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मृतक बालक के भाई सहित दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों को अस्पताल भिजवाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। गंभीर हालत होने पर एक को बरेली रेफर कर दिया गया। क्षेत्र के सूथा गांव निवासी भगवत शरण खेतीबाड़ी करते हैं। मंगलवार की दोपहर उनका 15 वर्षीय बेटा जयंत विक्रम, 12 वर्षीय बेटा विकास अपने 10 वर्षीय दोस्त रतन पाल सिंह के साथ खेत पर गाय से फसल की रखबाली करने के लिए बाइक से जा रहा था। इसी दौरान खड़ंजे पर स्थित गडढे में बाइक का पहिया पड़ा। तीनों गडढे से उछलकर बाइक सहित पास में देवेंद्र के खेत में लगे आरी वाले तारे पर जा गिरे। पेट में गंभीर चोट लगने से विकास की मौके पर ही मौत हो गई। उसका भाई जयंत विक्रम व उसका दोस्त रतन पाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंचे परिजन विकास के शव को देख बिलख पड़े। दोनों घायलों को अस्पताल भिजवाया। पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच पंचनामा की कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक विकास के शव को देख परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया। घायलों में जयंत विक्रम का मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। रतन घायल पाल सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद बरेली रेफर कर दिया गया।
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टूटा दुखों का पहाड़, तीन माह में तीन मौत
= तीन माह के अंदर तीन मौतों से भगवत शरण के परिवार पर दुखों का पहाड़ा टूट पड़ा। परिजनों ने बताया कि अभी कुछ माह पूर्व मृतक की दादी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। एक माह पूर्व उसके चाचा की हार्ट अटैक से मौत हो गई और अब विकास की मौत हो गई।
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क्या हुआ मेरे लाल को...
= हादसे की जानकारी के बाद गिरिजा देवी मौके पर पहुंचीं। बोली: मेरे लाल को क्या हो गया। कुछ तो बोलो। इसके बाद खून से लथपथ शव को देख गिरिजादेवी रोते-रोते बेहाल हो गईं। गांव की महिलाओं ने उन्हें संभाला। दो बहनें बेसुध हो गईं।
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प्रतिबंधित तार, फिर भी धड़ल्ले से बिक्री
= बताया जा रहा है कि आरी वाले तार बिकना प्रतिबंधित है, फिर भी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। घटना के बाद कुछ दिन अभियान चलता। कुछ दिन के लिए मामला शांत हो जाता, फिर बिक्री होने लगती। इन तारों की वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। निरीक्षण किया जाए तो अधिकतर खेतों पर यही तार लगे हुए नजर आएंगे। यह तार दूसरे के लिए नहीं, बल्कि खुद को नुकसान दे सकते हैं।
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