रामनगरिया मेले का पहला मुख्य स्नान आज
Shahjahnpur News - मिर्जापुर के ढाई घाट गंगा तट पर हजारों श्रद्धालु और साधू संत कल्पवास के लिए एकत्रित हो चुके हैं। पौष पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहुर्त में स्नान के बाद यह पर्व शुरू होगा। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां एक...
मिर्जापुर। ढाई घाट गंगा तट पर रामनगरिया बस गई हैं। हजारों की संख्या मे श्रद्वालु व साधू संत कल्पवास के लिए गंगा तट पर ङेरा जमा चुके हैं। पौष पुर्णिमा पर ब्रह्म मुहुर्त मे स्नान के साथ श्रद्वालु कल्प वास शुरू कर देंगे। मेले मेंं जिला पंचायत व्यवस्थाएं जुटाने में लगा है।सोमवार पौष पूर्णिमा के पर्व पर हजारों श्रद्वालु गंगा मेआस्था की ङुबकी लगाएंगे। माघ माह में ढाई घाट गंगा तट पर रामनगरिया बसती है। जिससे कई जिलों के श्रद्वालु व साधू संत एक माह तक रहकर कल्पवास करते है। श्रद्वालुओं का विश्वास है कि श्रृंगी ऋृषि की तपोस्थली ढाई घाट पर माघ माह मे एक माह तक रहकर कल्पवास करने से बहुत पुण्य लाभ प्राप्त होता है। मेले में दुकानदारों द्वारा दुकानें सजाने का काम जोरों पर है। पंङे पुजारी अपने घाटों पर तैयारी के साथ अपने यजमानों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।कल्पवास करने वाले साधु-संत, सन्यासी, दिव्यांग और गृहस्थ स्नानकर घाट पर बैठे पंडे और पुरोहितों को दान-दक्षिणा, पूजन-अर्चन के बादमोह-माया से दूर एक माह तक व्रत, भजन, पूजन और प्रवचन के लिए अपने तम्बुओं में तल्लीन दिखाई पङ़ेगे। गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान करने के बैरीकेटिंग लगाई गई है। जिला पंचायत द्वारा स्नानागार भी घाटों पर बनवाए गए हैं। प्राचीन काल से ढाई घाट पर जुटने वाले माघ मेले की जीवंतता में आज भी कोई कमी नहीं आयी है। मेले में आस्था और श्रद्धा से सराबोर पुरानी परम्पराओं के साथ आधुनिकता के रंग बिरंगे नजारे दिखायी पड़ रहे हैं।
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