जो विवेकी धीर पुरुष हैं वे कल्याण मार्ग का अनुशरण करते हैं
Shahjahnpur News - जलालाबाद में चल रहे सत्संग के चतुर्थ दिवस पर स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने जीवन में श्रेय और प्रेय के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विवेकी लोगों को कल्याणकारी मार्ग का अनुसरण करने की सलाह दी, भले ही...
जलालाबाद। अखिल भारतीय सोहम महामंडल शाखा जलालाबाद के तत्त्वावधान में चल रहे सत्संग के चतुर्थ दिवस सोहं पीठाधीश्वर श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कहा कि जीवन में श्रेय मतलब कल्याणकारी व प्रेय मतलब प्रिय लगने वाली दोनों ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आते हैं। किंतु जो विवेकी धीर पुरुष हैं वे श्रेय अर्थात कल्याण मार्ग का ही अनुशरण करते हैं। भले ही उनको बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़े। जबकि अविवेकी नासमझ व्यक्ति अपने योगक्षेम अर्थात पेट भरने के लिए या अच्छा लगने वाला प्रेय मार्ग का अनुशरण कर लेता है। यह व्यक्ति दूरगामी परिणाम के विषय में विचार नहीं कर पाता। हालांकि कल्याण वाले मार्ग में चलने पर बहुत परेशानियां होती हैं, बड़ी परीक्षाएं देनी होती हैं। किंतु बाद में परिणाम सुखद और आनंददायक होता है। समिति के अध्यक्ष निखिल गुप्ता ने बताया कि सत्संग के समापन पर 06 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 02 बजे तक भंडारे का आयोजन किया गया जाएगा।
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