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शिव महापुराण कथा में शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुनाया

Shahjahnpur News - मीरानपुर कटरा के श्रीराम जानकी मंदिर में शिव महापुराण कथा में आचार्य गौरव शास्त्री जी ने शिव और पार्वती के विवाह का रोचक वर्णन किया। महाशिवरात्रि पर शिव विवाहोत्सव मनाने का महत्व बताया गया। शिव बारात...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरMon, 12 Aug 2024 12:37 AM
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मीरानपुर कटरा। मीरानपुर कटरा के मोहल्ला कायस्थान स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में शिव महापुराण कथा में आचार्य गौरव शास्त्री जी महाराज ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह प्रसंग रोचक वर्णन किया। बताया महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए शिव विवाहोत्सव मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर शिव विवाह की कथा सुनना और पढ़ना पुण्यदायी बताया। कथा मर्मज्ञ ने शिव बारात का रोचक वर्णन करते हुए कहा बारात में भूत-प्रेत,बेताल मगन होकर नाच रहे थे। भगवान शिव गले में नाग धारण किए नंदी पर विराजमान थे। भगवान विष्णु और ब्रह्माजी देवताओं की टोली लेकर चल रहे थे। त्रिलोक आनंद से मगन था। शिवजी के जयकारों से दिशाएं गूंज रही थीं। बारात देवी पार्वती के पिता राजा हिमाचल के द्वार पहुंची। स्वागत के लिए महिलाएं आरती की थाली लेकर आयीं। भगवान शिव की सासू मां मैना दामाद की आरती उतारने पहुंची तो शिवजी का रूप देखकर घबरा गईं। शिवजी की लीला से नागों ने फुफकारना शुरू कर दिया। तेज हवा से वस्त्र अस्त-व्यस्त होने लगे। मैना अचेत होकर गिर गईं। चैतना लौटी तो कहा मैं अपनी सुकुमारी बेटी बाघंबरधारी, भस्मधारी को नहीं दे सकती। देवी पार्वती ने भगवान शिव की लीला समझ ली। माता पिता की आज्ञा लेकर शिवजी के पास गयीं और अपनी लीला समेटने की विनय की। देवी पार्वती की मनोदशा समझकर शिवजी ने लीला समेट ली और चंदरमौलि स्वरूप में प्रकट हो गए। तब देवी पार्वती की मां आनंद पूर्वक देवी पार्वती का विवाह करने को तैयार हुईं। विवाह आरंभ होने से पूर्व लोकाचारवश राजा हिमाचल की वंश परंपरा का बखान हुआ। नारदजी ने शिवजी की वंश परंपरा बताई। ब्रह्माजी पुरोहित और भगवान विष्णु देवी पार्वती के भाई बने। आनंदमय वातावरण में विवाह संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान मनोहारी झांकियां प्रस्तुत की गयीं। जय जयकार से मंदिर परिसर गूंजता रहा। आयोजक सौरभ त्रिपाठी,पारस गुप्ता जानू, शैलेन्द्र मिश्रा, प्रशान्त त्रिपाठी,पारस त्रिपाठी आदि व्यवस्था में जुटे रहे।

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