जैतीपुर रामलीला मेले में रामजन्म का मंचन किया गया
जैतीपुर कस्बे में श्रीराम जानकी रामलीला मेला में रामजन्म लीला और नामकरण संस्कार का मंचन किया गया। महाराज दशरथ संतान न होने से परेशान थे। गुरु वशिष्ठ ने उन्हें यज्ञ कराने का निर्देश दिया। यज्ञ सम्पन्न...
जैतीपुर कस्बे में श्रीराम जानकी रामलीला मेला में रामजन्म लीला एवं नामकरण संस्कार का मंचन किया गया। रामलीला गणेश वन्दना के साथ शुरू हुई। लीला देखकर दर्शक भाव विभोर हो गये। रामलीला में दिखाया गया कि अयोध्या में महाराज दशरथ संतान न होने पर काफी परेशान होते हैं। उन्हें चिंता सताती है कि अब उनके कुल को कौन आगे बढ़ाएगा। उनका राज पाठ कौन चलाएगा, तभी वह अपनी समस्या कुल गुरु वशिष्ठ ऋषि को बतातेेे हैं। कहते हैं कि गुरुदेव मेरा चौथापन आ गया है। मगर अब तक कोई संतान नहीं है। इस पर गुरुदेव उन्हें संतानोत्पत्ति के लिए यज्ञ कराने का निर्देश देते हैं। श्रृंगी ऋषि द्वारा पुत्रोष्ठि यज्ञ प्रारंभ कराते हैं। यज्ञ सम्पन्न होने पर ऋषि मुनि तीनों रानियों को चारु भेंट करते हुए महाराज दशरथ को पुत्र प्राप्ति का वचन देते हैं। दीनबंधु दीनानाथ भगवान विष्णु कौशल्या के यहां जन्म लेते हैं। भगवान के प्रकट होते ही अयोध्या में हर्षोल्लास छा जाता है, बाद में सभी चारों पुत्रों का नामकरण संस्कार किया जाता है।
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