तीन दिन पहले मिले शव की पहचान, परिजनों ने जीआरपी पर लापरवाही का आरोप
Shahjahnpur News - हरदोई के 30 वर्षीय शैलेन्द्र का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। वह 24 अप्रैल को गाजियाबाद जाने के लिए शाहजहांपुर स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद संपर्क नहीं हुआ। परिवार ने जीआरपी पर लापरवाही का आरोप लगाया है...

तीन दिन पहले मिले शव की पहचान हरदोई जिले के 30 वर्षीय शैलेन्द्र पुत्र सियाराम के रूप में हुई है। शैलेन्द्र 24 अप्रैल को गाजियाबाद जाने के लिए शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद से उनका परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया है कि, शैलेन्द्र के लापता होने के बाद जीआरपी ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की, और दबाव डालने के बाद शनिवार रात को एक तस्वीर दिखाकर शिनाख्त कराई। शैलेन्द्र हरदोई जिले के थाना पचदेवरा के नई बस्ती के निवासी थे और गाजियाबाद में बैंकेट हॉल में सुपरवाइजर के रूप में काम करते थे। 24 अप्रैल को अपने अकाउंट में आई समस्या के कारण वह घर लौटे और उसी दिन श्रमजीवी एक्सप्रेस से गाजियाबाद जाने के लिए शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। उनके चचेरे भाई ने उन्हें स्टेशन पर छोड़ दिया था, जिसके बाद उनका कोई संपर्क नहीं हुआ। 25 अप्रैल को तिलहर के पास रेलवे ट्रैक के किनारे शैलेन्द्र का शव मिला, जिसे बाद में राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया। पहचान न हो पाने के कारण शव को जीआरपी ने पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पचदेवरा थाने में दर्ज कराई और इसके बाद शाहजहांपुर जीआरपी थाने पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि जीआरपी थाने के एसएसआई ने उनकी कोई मदद नहीं की, सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं की, और न ही शैलेन्द्र की तलाश की। परिजनों ने कहा कि उन्हें बहुत दौड़ाया गया, लेकिन दबाव डालने के बाद जीआरपी ने शनिवार रात को एक तस्वीर दिखाकर शैलेन्द्र की पहचान कराई। परिजनों का कहना है कि शैलेन्द्र का बैग अभी तक नहीं मिला है।
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