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वकील को उम्रकैद, पिता और चाचा को 5-5 साल की सजा

Shahjahnpur News - शाहजहांपुर में पुरानी रंजिश के चलते एक व्यक्ति को शराब में जहर मिलाकर पीने के लिए दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। लगभग 10 महीने बाद, कोर्ट ने वकील साधू खां और उसके पिता-चाचा को गैर इरादतन हत्या का...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरFri, 7 March 2025 03:21 AM
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वकील को उम्रकैद, पिता और चाचा को 5-5 साल की सजा

शाहजहांपुर, संवाददाता। पुरानी रंजिश को लेकर एक व्यक्ति को शराब में जहर मिला कर पिला दिया गया। उसकी मौत हो गई। करीब 10 माह के बाद उक्त मामले में गांव के ही निवासी वकील और उसके पिता-चाचा के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा जलालाबाद में दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने दोषी पाए गए बेटे को उम्रकैद और पिता-चाचा को पांच पांच साल की सजा सुनाई गई है। इसमें दोषी पाए लोगों पर कुल 3 लाख 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। इस मुकदमे में दोषी की दौरान ए मुकदमा मौत हो गई थी। उक्त अर्थदंड में से 3 लाख रुपये मृतक के परिजनों को दिए जाने के आदेश किए गए।

शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि जलालाबाद के कोना याकूबपुर निवासी भोले सिंह ने 18 जनवरी 2008 को मुकदमा दर्ज कराया था कि भाई शिवनारायण सिंह 28 मार्च 2007 को अपने घर में खाना खा रहा था। शाम करीब 7 बजे गांव के ही वकील साधू खां, उसका पिता लल्लू खां, चाचा नवाब अली और नवाब का बेटा सफर मोहम्मद ने घर आकर भाई शिवनारायण को बुलाया। तब शिवनारायण की पत्नी मीरादेवी और बेटे अर्जुन ने उपरोक्त लोगों से पूछा कहा कि कहां जाओगे। तब साधु खां ने जवाब दिया कि वह शिवनारायण को अपने घर ले जा रहा हूं। पुराने झगड़ों के फैसले पर बात करनी है। तब शिवनारायण की पत्नी मीरादेवी ने विश्वास कर लिया, क्योंकि मीरा और शिवनारायण की शादी साधू खां ने अपनी ससुराल वाले गांव से शादी कराई थी। शिवनारायण साधु खां आदि के साथ चले गए। काफी देर तक शिवनारायण नहीं आए तब मीरादेवी ने देवर भोले सिंह को बुलाया और कहा कि तुम्हारे भाई साधु खां के यहां गए हैं, उन्हें बुलाकर लाओ। तब भोले सिंह को शंका हुई। भोले अपने भतीजे अर्जुन के साथ साधू खां के घर पहुंचे और अपने भाई शिवनारायण को बुलाया। तब साधू खां, नवाब अली ने कहा कि हम लोग शराब पी रहे हैं, थोड़ी देर में आ जाएंगे। दुबारा जब शिवनारायण को बुलाने के लिए सब लोग गए तो साधू खां के परिवार की महिलाओं ने कह दिया कि घर में कोई नहीं है, सब लोग पता नहीं कहां चले गए हैं। शक बढ़ने पर भोले सिंह, भतीजा अर्जुन शिवनारायण को तलाश करने के लिए गांव के बाहर पहुंचे तो वहां देखा कि साधू खां, नवाब खां, लल्लू खां, सफर मोहम्मद शिवनारायण को तालाब की ओर ले जा रहे थे, वहां अचेत अवस्था में डाल कर भाग गए। इसके बाद शिवनारायण की डाक्टर से जांच कराई तो उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की। तब कोर्ट की शरण ली गई। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। 10 माह के बाद मामले में गैर इरादतन का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने विवेचना की और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने साधू खां को उमक्रैद, नवाब अली और लल्लू खां को 5-5 साल की सजा सुनाई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सफर मोहम्मद की मौत हो गई थी। दोषी पाए गए लोगों पर अर्थदंड भी डाला गया।

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