कृष्ण ने अर्जुन को दिये गीता के उपदेश, भीष्म ने प्रतिज्ञा
Shahjahnpur News - शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम में आयोजित कृष्ण लीला के मंचन में गीता उपदेश, ब्रज की होली और भीष्म प्रतिज्ञा का प्रदर्शन हुआ। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कर्म की महत्ता और मृत्यु के चक्र के बारे में बताया।...
शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम में मुमुक्षु आश्रम ट्रस्ट की ओर से आयोजित गीतो उपदेश कृष्ण लीला के मंचन में बुधवार को अंतिम दिन श्रीकृष्ण लीला के मंचन, ब्रज की होली, भीष्म प्रतिज्ञा तथा गीता उपदेश की लीलाओं का मंचन किया गया। गीता उपदेश लीला में महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते कि कर्म ही पूजा है. कर्म ही भक्ति है. उन्होंने अर्जुन से कहा, जो भी कर्म करो, यह सोचकर करो कि वह परमात्मा को समर्पित होता है. भगवान कृष्ण कहते है. कि संसार के निर्माण के बाद से ही जन्म और मृत्यु का चक्र चलता आ रहा है और यह प्रकृति का नियम है. ‘जो जन्म लेता है. उसकी मृत्यु अवश्य होती है और मृत्यु के बाद जन्म अवश्य होता है. इसलिए मृत्यु से भयमुक्त होकर वर्तमान में जीना चाहिए। महाभारत के दौरान अर्जुन विचलित थे और उनसे शस्त्र भी नहीं उठ रहे थे. तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, समय बड़ा बलवान है. यदि तुम सोचते हो कि तुम शस्त्र नहीं उठाओगे तो इन पापियों का संहार नहीं होगा. अरे अर्जुन, तुम तो एक निमित्त हो, इनका संहार लिखा है और वह जरूर होगा. बुधवार की रासलीला का शुभारंभ का पूजन एसएस कालेज के प्राचार्य प्रो. आरके आजाद, राम सागर यादव ने किया। समापन पर आरती उद्योग पति राम चंद्र सिंघल व उनकी पत्नी तथा डा. प्रभात शुक्ला व उनकी पत्नी डा. मीना शर्मा, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष दल सिंह यादव ने की। इस मौके पर एसएसएमवी के सचिव अशोक अग्रवाल, रामनिवास गुप्ता, सुयश सिन्हा,चंद्रभान त्रिपाठी, डा. अमीर सिंह यादव,अवनीश सिंह चौहान, शिव ओम शर्मा, आदि मौजूद रहे।
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