गांवों व मोहल्लों में चौपाल लगाएंगे गुरुजी, दूर होगी शिक्षा की बाधा
कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों के खुलने के बाद भी बच्चे परिषदीय विद्यालयों से दूरी बनाए हुए...
कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों के खुलने के बाद भी बच्चे परिषदीय विद्यालयों से दूरी बनाए हुए हैं। अभिभावकों को अभी भी कोरोना का खौफ सता रहा। शिक्षकों और अभिभावकों के बीच का गैप अब कम किया जाएगा। परियोजना के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने दूरी को कम करने के लिए गांवों और मोहल्लों में चौपाल लगाने की अनूठी पहल की है। चौपाल में शिक्षक अभिभावकों के बीच बैठकर शिक्षा में आने वाली बाधा को दूर करने की तरकीब निकालेंगे। चौपाल के लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना के कारण लंबे समय से बंद विद्यालयों के चलते बच्चों की शिक्षा पर काफी नकरात्मक असर पड़ा। भले ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई, पर उनकी शिक्षा का स्तर पहले जैसा नहीं रह गया। शिक्षा को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रेरणा ज्ञानोत्सव के तहत 100 दिन का अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत बच्चों क दक्षताओं को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए गांवों और मोहल्लों में शिक्षा चौपाल लगेगी। चौपाल के जरिए छात्र-छात्राओं को स्कूल भेजने के साथ ही अभिभावकों का कोरोना के प्रति डर कम किया जाएगा। उन्हें सावधानी बरतने का आह्वान होगा।
शिक्षा चौपाल पर एक नजर
=कोविड प्रोटोकला के संंबंध में बच्चों व अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जागरूक किया जाएगा।
=अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूर्ण कराने व बच्चों की लिखित कार्य का अभ्यास कराने पर चर्चा होगी।
=दीक्षा एप डाउनलोड करने व पाठ्यपुस्तकों में दिए क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना।
=बच्चा अधिगम स्तर को नहीं प्राप्त कर सकता तो शिक्षकों से संपर्क कर उसे अधिगम स्तर को प्राप्त करने पर जोर दिया जाएगा।
=हर शिक्षा चौपाल में एआरपी या शिक्षक संकुल प्रभारी उपस्थित रहेंगे, वह भी अभिभावकों को जागरूक करेंगे।
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