ढाई घाट पर कल्प वास के लिए पहुंचने लगे सन्त
Shahjahnpur News - मिर्जापुर के ढाईघाट गंगा तट पर साधू संतों का आगमन हुआ है, जिससे गंगा तट पर रामनगरिया बसने लगी है। माघ मेला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू होगा, जहां साधू संत और गृहस्थ मिलकर कल्पवास करेंगे। इस मेले...
मिर्जापुर। ढाईघाट गंगा तट पर कल्पवास के लिए साधू संतो के पहुंचने से गंगा तट पर रामनगरिया बसने लगी है। साधू संत अस्थाई आवास बनाने मे लग गए है। साधू संतो के पहुंचने से गंगा तट का माहौल भक्तिमय हो गया है। माघ मेला रामनगरिया का पहला मुख्य स्नान 13 जनवरी पौष पूर्णिमा को है। पूर्णिमा से ही हजारो की संख्या मे साधू संत व गृहस्थ गंगा तट पर कल्पवास करते है। मेले मे कल्पवास शुरू करने के लिए साधू संतो के साथ गृहस्थ भी तैयारी मे जुट गए है। श्रद्वालु व साधू सन्त एक माह तक गंगा तट पर कल्प वास करते है। रामबाग आश्रम के महंत पूरनदास ने बताया कि बर्ष 1923 में ढाईघाट पर माघ मेला शुरू हुआ था। वर्ष 1960 में जिला पंचायत ने मेला की कमान संभाल ली। मध्य यूपी में मिनी कुंभ के नाम से विख्यात इस मेले में बिजली, पानी, सफाई, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संचार, यातायात, सुरक्षा आदि सुविधाएं जिला पंचायत प्रशासन के हवाले रहती है। शाहजहांपुर के अलावा मेला में मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात के भी संत कल्पवास को आते हैं। इस बार पुलिस ने कल्पवास को आए संतों के टेंट उखाड़ कर भगा दिया। माघ मेला रामनगरिया संतों की ही देन है। इस तपोभूमि पर संत व श्रद्धालु एक साथ मां गंगे की पूजा कर पुण्य अर्जित करते है। ढाई घाट को श्रृंगी ऋृषि की तपोस्थली कहा जाता है।
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