संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संस्कृत को केवल भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार बताया। उन्होंने संस्कृत व्याकरण पर पुस्तक विमोचन के दौरान कहा कि सरकार कक्षा 6 से 8 के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर...
संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं बल्कि एक संस्कार है। संस्कृत भाषा में भारत की संपूर्ण चेतना ध्वनित होती है, भारत की संस्कृति, ज्ञान और विज्ञान का आधार संस्कृत भाषा ही है। उक्त विचार वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने व्यक्त किए।वित्त मंत्री ने हनुमत धाम स्थित स्वामी विवेकानंद सार्वजनिक पुस्तकालय में सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल के छात्र अग्निज उपमन्यु द्वारा संस्कृत व्याकरण पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार संस्कृत के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार संस्कृत के प्रोत्साहन के लिए कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है, जो व्यक्ति पुरुषार्थ करता है, वह जीवन में इच्छित फल की प्राप्ति कर लेता है। अध्यक्षता करते हुए भाषा विज्ञानी, साहित्यकार और जीएफ कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व प्राध्यापक आचार्य नित्यानंद मुद्गल ने कहा कि किसी भी भाषा में उसका व्याकरण सबसे महत्वपूर्ण होता है। विशिष्ट अतिथि एसएस कॉलेज की संस्कृत विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डा.रंजना प्रियदर्शनी ने कहा कि संस्कृत के महान ग्रन्थों में धर्म, दर्शन, विज्ञान, राजनीति, मनोविज्ञान सहित तमाम विषयों के सिद्धांत सूत्र रूप में छिपे हुए हैं। पूर्व प्राचार्य अवनीश मिश्रा ने कहा कि संस्कृत संसार की सबसे समृद्ध भाषा है। पंडित आलोक शुक्ला ने स्वस्तिवाचन किया। संचालन डा. प्रशांत अग्निहोत्री ने किया। आभार सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल के प्रधानाचार्य आरडी अग्रवाल ने व्यक्त किया।
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