किसानों को ढूंढे नहीं मिल रहे ग्रामीण क्षेत्रों के धान क्रय केंद्र
किसानों का आरोप अधिकारियों से मिलीभगत कर कागजों पर हो रही धान खरीदकई किलोमीटर दूर चलकर तहसील मुख्यालय पर फसल बेच रहे किसानतिलहर। हिन्दुस्तान...
ग्रामीण क्षेत्रों में लगे धान क्रय केंद्र किसानों को ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। दूरदराज के किसान अपना धान कई किलोमीटर दूर तिलहर मंडी में बेचने को मजबूर हैं। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों तथा केंद्र प्रभारियों में मिलीभगत करने का आरोप लगाया।
मंडी में आए क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र बरखेड़ा जयपाल, छिकड़ापुर, चावर खास, बाजपुर कुमिरखा, पलिया पट्टी, लखोहा, बीरमपुर, बिहारीपुर अजमाबाद, मित्रपुर बरुआ आदि में सरकारी धान क्रय केंद्र लगाए गए हैं। किसानों का आरोप है कि यह धान क्रय केंद्र केवल कागजों पर ही चल रहे हैं, मौके पर कोई भी क्रय केंद्र ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। किसानों ने बताया कि इसकी जांच दूसरे विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर कराई जाए तो पूरा घोटाला उजागर हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को सहूलियत देने के लिए प्रशासन ने क्रय केंद्रों को लगाया था, लेकिन इन क्रय केंद्रों पर किसानों का धान तब बिकेगा जब क्रय केंद्र लगेंगे।
किसानों ने बताया कि वह अपनी धान की फसल बेचने के लिए 25 से 30 किलोमीटर दूर तहसील मंडी में लगे क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए मजबूर बने हुए हैं। आरोप है कि अधिकारियों की केंद्र प्रभारियों तथा ठेकेदारों से मिलीभगत है जिस कारण खुलेआम किसान लुटने को मजबूर है और किसानों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। किसानों ने बताया कि इन क्रय केंद्रों पर अभी तक हुई धान खरीद का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो धान खरीद फर्जी पाई जाएगी।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं अधिकारी
किसान सुरेंद्र सिंह, राजेश कुमार, प्रदीप गंगवार आदि ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की ढिलाई के कारण धान क्रय केंद्रों पर किसानों का धान नाम मात्र को लिया गया है। आरोप है कि सभी क्रय केंद्रों पर अधिकारियों के संरक्षण में कागजों पर धान खरीद हो रही है। क्षेत्र में धान नाम मात्र को बचा है लेकिन क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन हजारों कुंतल की धान खरीद दर्शाई जा रही है। उन्होंने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर की गई खरीद की इसलिए जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
एसडीएम वेद िसंह चौहान ने बताया किसानों को सहूलियत देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह धान क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। धान क्रय केंद्र यदि संचालित नहीं हो रहे हैं तो जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिस जगह का धान क्रय केंद्र संचालित नहीं हो रहा हो तो इसकी शिकायत किसान करें उसकी जांच कराई जाएगी।
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