पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल के अच्छे दोस्त थे चौधरी अजीत सिंह
वह पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू सत्यपाल सिंह यादव के करीबी दोस्त थे। उनसे दोस्ती के चलते ही अजीत सिंह का कई बार आगमन...
राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजीत सिंह का शाहजहांपुर से काफी लगाव रहा है। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू सत्यपाल सिंह यादव के करीबी दोस्त थे। उनसे दोस्ती के चलते ही अजीत सिंह का कई बार आगमन हुआ। अजीत सिंह के सहयोग से 1986 में सत्यपाल
सिंह यादव एनडी तिवारी की सरकार में नेता विरोधी दल बने थे।
भले ही शाहजहांपुर में अब राष्ट्रीय लोकदल का नाम लेने वाले गिने-चुने लोग हो, पर 1985 में रालोद की तूती बोलती थी। बड़े-बड़े नेता रालोद के संगठन में काम करते थे। शाहजहांपुर की राजनीति की अहम कड़ी कहे जाने वाले बाबू सत्यपाल सिंह यादव से अजीत सिंह से काफी करीबी नाता था। उनके बुलावे पर अजीत सिंह का यहां आना हुआ। सत्यपाल सिंह यादव के पुत्र एमएलसी अमित यादव रिंकू बताते हैं कि अजीत सिंह 1989 में दीदी की शादी में आए थे। शहीद उद्यान में रैली को सम्बोधित करने भी आ चुके हैं।
सत्यपाल सिंह यादव के करीबी पवन कुमार सिंह बताते हें कि 1986 में कांग्रेस की एनडी तिवारी की सरकार में राष्ट्रीय लोकदल के विधानसभा में सर्वाधिक विधायक थे। तब मुलायम सिंह यादव नेता विरोधी दल हुआ करते थे। मुलायम सिंह का विवाद होने के बाद राजद विधायक दो धड़ों में बंट गए। तब अजीत सिंह ने मोर्चा संभाला और अपने करीबी सत्यपाल सिंह यादव को नेता विरोधी दल बनाया था। पवन सिंह बताते हैं कि सत्यपाल सिंह यादव के साथ काफी ज्यादा विधायक आ गए थे।
किसानों के लिए निकाली थी लंबी यात्रा, हम भी थे साथ
-भारतीय योग संस्थान के प्रधान व कांग्रेस के नेता पवन सिंह बताते हैं कि 1986 में रामकोला में किसानों की समस्या सुनने के लिए अजीत सिंह ने यात्रा निकाली थी। उस पैदल यात्रा में वह भी अजीत सिंह के साथ थे। पवन सिंह बताते हैं कि अजीत सिंह किसानों के हमेशा से हितैषी रहे। चौधरी चरण सिंह की विरासत को अच्छे से संभालते हुए किसानों के हित के लिए काम किए। उन्होंने बताया कि जब भी किसानों की राजनीति की बात होगी तो अजीत सिंह का नाम सबसे ऊपर रखा जाएगा।
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