मौज काट रही बसंती, फसले बर्वाद होने से किसानों के चेहरे उतरे
बसंती मौज काट रही है और फसलें बरबाद होने से किसानों के चेहरे उतरे हुए हैं। आप्रेशन केजिंग भी बंद है। बसंती के पीलीभीत जंगल की तरफ लौट जाने की आस...
मीरानपुर कटरा। हिसं
बसंती मौज काट रही है और फसलें बरबाद होने से किसानों के चेहरे उतरे हुए हैं। आप्रेशन केजिंग भी बंद है। बसंती के पीलीभीत जंगल की तरफ लौट जाने की आस में ट्रेक्युलाईजिंग भी टाली जा रही है|। जी हां..बसंती की दहशत में गेहूं, सरसों की फसल खाद, पानी और रखवाली के बगैर बरबाद हो चुकी है। खेतों मेॕ गन्ना सूख रहा है। गन्ना बाहुल्य इलाके में शिकार, पानी की कमी नहीं है। प्रिय भोजन जंगली सुअर की बहुतायत से बसंती इलाके में चार माह से मौज काट रही है। दूसरी तरफ इलाके के किसान परिवारों में रोजी रोटी के संकट से मायूसी पसरी हुई है। वन विभाग ने किसानों को बसंती के रहमों करम पर छोड़ दिया है।
मीरानपुर कटरा क्षेत्र के नगला इब्राहिम, नगला मधा, पलिया, परशुरामपुर, हतसा, अलियापुर, मकरंदापुर, जल्लापुर, भुड़िया, कपूरापुर, परमानंदपुर, कमलापुर, मोतिया, नवादा, हरदेनी आदि गांव का करीब बीस किमी इलाका बाघिन से प्रभावित है। भयभीत किसान खेतों पर नहीं जाते। गेहूं, सरसों की फसल, खाद, पानी और रखवाली के बगैर खत्म हो गई। कटाई न होने से खेतों में आधे से अधिक गन्ना सूख चुका है। पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो गया है। किसान परिवारों के सामने रोजी-रोटी की विकट समस्या है।
बाघिन कई बार आबादी के अंदर तक विचरण करती दिखी है। घरों में भी ग्रामीण रात को डर से सो नहीं पाते। बाघिन को दो माह तक पिजरे लगाकर पकड़ने का प्रयास बेनतीजा रहा तो केजिंग में जुटी वाईल्ड लाइफ ट्रस्ट की टीम पिछले माह वापस लौट गई। बेहोश करके बाघिन पकड़ने का फैसला हुआ तो ट्रेक्युलाईज विशेषज्ञ ने पिछले माह आकर इलाका देखा। कहा गया कि पहले ट्रेक्युलाईज के लिए जरूरी साज सामान और बाघिन के इलाज और रखने की व्यवस्था होगी। होली के बाद टीम आने पर बाघिन पकड़े जाने की उम्मीद थी। होली का त्योहार गुजरने के बाद भी टीम या तैयारी का अता-पता नहीं है। फिलहाल वन कर्मी कैमरों और पगचिन्हों से बाघिन पर निगाह रख रहे हैं। आप्रेशन केजिंग टीम लौटने के बाद से बंद है।
ग्रामीणों के मुताबिक, बाघिन कुछ दिन से गांव नबादा, मोतिया, हरदेनी की तरफ शिकार कर रही है। ग्रामीणों का मानना है कि वन विभाग बाघिन पकड़ने में टाल-मटोल कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अफसरों को बाघिन के खुद पीलीभीत जंगल की तरफ लौट जाने का इंतजार है। इसलिए आप्रेशन ट्रेक्युलाईज को होल्ड कर दिया है। वन कर्मियों ने बताया कि टीम के आने की कोई सूचना नहीं है। वनकर्मियों के मुताबिक, बाघिन एक जगह नहीं टिक रही है। रोजाना अलग-अलग इलाके में पगचिन्ह मिल रहे हैं। एक जगह टिकने पर ही ट्रेक्युलाईजिंग होगी। निगरानी हो रही है। ग्रामीणों को सतर्क भी किया जा रहा है|
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