बेटों का हाल पूछते-पूछते आरती ने भी तोड़ दिया दम
मां थी वह। नाम आरती था। तीन बेटे थे। अब एक बचा है। वह भी जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। खुद आरती भी मौत के नजदीक थी। पर उसे जब तक होश रहा तो वह कलेजे टुकड़ों के लिए ही तड़पती रही। बेटों का हाल पूछती रही।...
मां थी वह। नाम आरती था। तीन बेटे थे। अब एक बचा है। वह भी जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। खुद आरती भी मौत के नजदीक थी। पर उसे जब तक होश रहा तो वह कलेजे टुकड़ों के लिए ही तड़पती रही। बेटों का हाल पूछती रही। मेडिकल कॉलेज में वह बाद में बेहोश हो गई। पास के बेड पर बड़ा बेटा विशाल था। आरती के दो बेटे अरचित और सबसे छोटे बेटे की भी इसी हादसे में जान चली गई । यह बात आरती को नहीं पता थी। कोई उसे बेटों के बारे में बता पाता, उससे पहले ही आरती की भी सांसें थम गईं।
मंगलवार सुबह 10 बजे शाहजहांपुर के रोजा क्षेत्र के जमुका दोराहे के पास ट्रक ने पहले टेंपो में टक्कर मारी, फिर ट्रक सामने से आ रहे छोटा हाथी पर पलट गया था। इस हादसे में 17 लोगों की जान चली गई, चार लोग जख्मी हो गए। आरती अपने तीन बेटों के साथ टेंपो में सवार होकर ससुराल रहजनिया थाना मैगलगंज जा रही थी, तभी हादसा हो गया। आरती और बड़ा बेटा विशाल घायल हो गए।
दो बेटों की मौत हो गई। पांच साल पूर्व बीमारी से आरती के पति रामसनेही की भी मौत हो चुकी है। मंगलवार को हादसे में अब केवल बड़ा बेटा विशाल की मां आरती, भाई हर्षित और अमन की भी जिंदगी को छीन लिया, लेकिन मेडिकल कॉलेज में भर्ती घायल विशाल इस बात से अंजान है। वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उसका पूरा परिवार खत्म हो गया है। पिता के बाद अब मां का सहारा उससे छिन गया है। विशाल को भाई कहकर पुकारने वाला भी कोई नहीं बचा है। विशाल की हालत को देख हर कोई गमजदा है।
बेटे की पीलिया की दवा दिलाकर जा रही थी वापस
लखीमपुर खीरी जिले के थाना मैगलगंज के गांव रहजनिया निवासी आरती की उम्र तकरीबन 35 वर्ष थी। थोड़ी बहुत खेती है, उसीसे आरती गुजर बसर करती थी। आरती का मायका शाहजहांपुर जिले के थाना आरसी मिशन क्षेत्र के उटहा गांव में हैं। आरती के बेटे हर्षित को पीलिया हो गया था। हर्षित का उटहा गांव के पास सुजातपुर से देसी इलाज चल रहा था। आरती अपने 12 वर्षीय बेटे हर्षित, छह साल के अमन और दस साल के बेटे विशाल संग मायके दवा लेने आई थी।
मंगलवार को जब आरती घर के लिए चली, तो मायके वालों ने आरती को बहुत रोका, लेकिन वह नहीं रुकी। बच्चों के संग घर के लिए चल दीं, क्योंकि रोजा के जमुका गांव के पास उसकी व उसके दो बच्चों की मौत उसे बुला रही थी। हादसे में हर्षित और अमन की मौके पर ही मौत हो गई। आरती की इलाज के दौरान करीब एक घंटा बाद मौत हो गई। विशाल जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। जानकारी होने पर आरती के ससुराल वाले और मायके वाले आ गए।
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