शादी करोगी की नहीं...प्रेमिका के मना करने पर प्रेमी ने मार डाला, फिर चाकू से अलग किया था सिर
- यूपी के औरैया जिले के बिधूना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भिखरा में 11 नवंबर को 26 वर्षीय अंजलि की सिर काटकर हत्या किसी और ने नहीं उसके दस साल पुराने प्रेमी अजय ने ही की थी। अजय उससे शादी करना चाहता था लेकिन वह मना कर रही थी।
यूपी के औरैया जिले के बिधूना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भिखरा में 11 नवंबर को 26 वर्षीय अंजलि की सिर काटकर हत्या किसी और ने नहीं उसके दस साल पुराने प्रेमी अजय ने ही की थी। अजय उससे शादी करना चाहता था लेकिन वह मना कर रही थी। वह उससे फोन पर भी कम बात कर रही थी, इसपर अजय और अंजलि में विवाद हो गया था। अजय अंजलि को बहाने से बिधूना ले गया जहां खेत में पहले उसका गला घोंटा फिर चाकू से उसका सिर धड़ से अगल कर दिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया।
16 नवंबर को अंजलि यादव की सिर कटी लाश बिधूना के खेत में मिली थी। पुलिस के अनुसार अजय ने अंजलि को मारने की योजना बना रखी थी। वह बैग में चाकू लेकर उसके साथ कानपुर तक घूम आया था। लौटने के बाद बहाने से बिधूना के खेत ले गया और उसका गला घोंट डाला। अजय को लगा कि वह मरी नहीं है, इसलिए बैग से चाकू निकालकर उसकी गर्दन काटकर धड़ से अलग कर दी थी। अगले दिन अंजलि के पिता को फोन कर खेत में बेटी के पड़े होने की सूचना दी थी। ककोर स्थित एसपी आफिस में अंजलि हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर ने बताया कि कुदरकोट थाना क्षेत्र के पथरया गांव निवासी अंजलि का गांव के अजय यादव से दस साल पुरानी दोस्ती थी।
अजय यादव नोएडा में प्राइवेट नौकरी करता था। फोन पर बात कर दोनों ने मिलने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक आठ नवंबर को अजय यादव गांव आ गया। अंजलि ने अपनी सहेली दीक्षा को फोन किया। कहा कि वह उसे कानपुर में नौकरी दिलाने के बहाने बुला ले। इसी बहाने वह अपने दोस्त से मिल लेगी। दीक्षा ने ऐसा ही किया। दीक्षा के बुलाने पर उसे घर से अनुमति मिल गई फिर 11 नंवबर को वह भरथना पहुंची। वहां ट्रेन से फफूंद रेलवे स्टेशन आई। स्टेशन पर पहले से इंतजार में खड़ा अजय यादव भी ट्रेन में सवार हो गया।
कानपुर सेंट्रल पर दोनों साथ उतरे। पुलिस के पास इसका सीसीटीवी फुटेज भी है। कानपुर पहुंचने पर अंजलि ने फोनकर अपनी मां को बताया कि वह पहुंच गई है और दीक्षा के साथ खाना खा रही है। फिर दीक्षा अपने काम से चली गई। अजय और अंजलि दोनों इधर-उधर घुमते हुए शाम को ट्रेन से दिबियापुर लौट आए। फफूंद रेलवे स्टेशन पर उतरकर दोनों आटो से बिधूना कोतवाली के भिखरा गांव के पास बाजरा के खेत के पास पहुंचे। तब तक अंधेरा हो चुका था।
अजय ने पूछा.. शादी करोगी की नहीं
खेत पहुंचने पर अजय ने फिर से शादी का दबाव बनाया। इसपर दोनों में विवाद हो गया। तभी अजय ने अंजलि का गला दबा दिया। अंजलि कहीं जिंदा न बच जाए और वह पकड़ा न जाए इसलिए उसने चाकू से अंजलि का सिर धड़ से काटकर अलग कर दिया। अंजलि का मोबाइल घटनास्थल से साढ़े तीन सौ मीटर दूर फेंक दिया। 12 नवंबर को अजय ने उसके घर वालों को फोन करके बता दिया कि तुम्हारी बेटी की लाश भिखरा गांव के पास पड़ी है। शाम को जब पीड़ित पिता जयवीर कुदरकोट थाने पहुंचा। तब पुलिस ने अंजलि का फोन की लोकेशन निकाली। लोकेशन भिखरा गांव के पास मिली थी।
11 नवंबर की शाम को की थी वारदात
अजय व अंजलि कानपुर से फफूंद रेलवे स्टेशन उतरे। यहां से दोनों आटो पर बैठकर बिधूना कोतवाली क्षेत्र के भिखरा गांव पहुंचे। वहां दिबियापुर रोड किनारे एक बाजार के खेत में बैठे। तब तक शाम हो चुकी थी। वहीं पर विवाद के बाद अजय ने अंजलि की हत्या कर दी थी। और फोन साढ़े तीन सौ मीटर दूर फेंक दिया था।
15 नवंबर को दर्ज हुआ था मुकदमा
औरैया। पीड़ित मां की तहरीर पर कुदरकोट थाने में दीक्षा के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद एसपी अभिजीत आर शंकर ने तीन टीमें गठित कर दी थी। तीनों टीमें लगातार दबिश देकर आरोपित तक पहुंचने में लगी रही। शव मिलने के 48 घंटे के भीतर पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया।
जिस नंबर से कॉल आई वह अजय का था
12 नंवबर को जिस मोबाइल नंबर से परिजनों को अंजलि की सूचना दी गई थी। वह मोबाइल नंबर अजय का था। पुलिस ने जब परिजनों से अजय के बाबत पूछताछ की। तब उन लोगों ने बताया कि गांव में एक अजय है लेकिन वह नोएडा में है। दोनों की दोस्ती के बारे में फिर भी पुलिस को नहीं बताया गया।
साइलेंट पर लगा था अंजलि का मोबाइल
अंजलि का मोबाइल घटनास्थल से साढ़े तीन सौ मीटर दूर अजय ने फेंक दिया था। फोन खुला हुआ था लेकिन साइलेंट पर लगा था। फोन पर फ्लिप वाला कवर भी था। शायद इसलिए ही फोन पर घंटी जाने के बाद भी पुलिस व परिजन मोबाइल तक नहीं पहुंच सके।
दीक्षा को सुपुर्दगी में परिजनों को सौंपा
दिबियापुर की दीक्षा व पथरया गांव की अंजलि ने साथ साथ कौशल विकास का प्रशिक्षण लिया था। इसलिए दोनों के बीच दोस्ती थी। इसलिए उसे घर से बुलाने के लिए अंजलि ने दीक्षा की मदद ली। जांच पड़ताल में दीक्षा का कोई गलती नहीं मिली। इसलिए उसे परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया।
सहेली के सामने भी दोनों में हुआ था विवाद
अंजलि से शादी या फिर उसकी हत्या करने इसी इरादे से नोएडा से अजय आया था। गला रेतने के लिए उसके पास पहले से मौजूद चाकू इस बात की ओर इशारा कर रहा है। वह मिलने के बाद से ही कम बात करने को लेकर अंजलि से झगड़ा करने लगा था। सहेली दीक्षा के सामने भी दोनों में इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। जब दोनों कानपुर में दीक्षा के पास पहुंचे तब वहां भी अजय कम बात करने का अंजलि पर आरोप लगा रहा था। यहां से शाम को दोनों निकल गए थे। दोनों ट्रेन से शाम को फफूंद स्टेशन पहुंचे। वहां से बिधूना कोतवाली क्षेत्र के भिखरा गांव पहुंचे।
खेत में अजय ने शादी के लिए अंजलि से कहा। लेकिन वह मुकर गई। काफी देर तक वह शादी के लिए मान मनौव्वल करता रहा। मगर अंजलि नहीं मानी। इस पर अजय का इरादा पहले से साफ था। उसने गला दबाकर उसकी हत्या की। फिर उसे यह डर हुआ कि कहीं वह जिंदा न बच जाए और वह पकड़ा जाए। इसलिए पास से चाकू निकाला। और अंजलि की गला रेतकर हत्या कर दी। पुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयुक्त छूरी व उसकी निशानदेही पर मृतका का मोबाइल बरामद किया है।