विधानसभा के बाहर एक ही परिवार के सात लोगों ने की आत्मदाह की कोशिश, पुलिस ने बचाई सबकी जान
- पुलिस से परेशान एक ही परिवार के सात लोगों ने सोमवार को विधानभवन के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। गेट नंबर सात के बाहर संजीव सिंह ने बच्चों और परिवार की महिलाओं समेत सात लोगों पर पेट्रोल डाल लिया। हालांकि गनीमत यही रही कि मौके पर मौजूद पुलिस ने सबकी जान बचा ली।
पुलिस से परेशान आठ लोगों ने सोमवार को विधानभवन के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। गेट नंबर सात के बाहर कासगंज के सिढ़पुरा से आए 40 वर्षीय संजीव सिंह ने बच्चों और परिवार की महिलाओं समेत सात लोगों पर पेट्रोल डाल लिया। जानकारी होते ही पुलिसकर्मियों ने सभी को बचा लिया। उधर, सीतापुर से आईं नजमा भी आत्मदाह करने जा रही थीं। वह खुद पर पेट्रोल उड़ेलतीं, इसके पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया।
कासगंज के सिढ़पुरा क्षेत्र के अजीतनगर खरिया पट्टी गांव निवासी संजीव सिंह दोपहर करीब तीन बजे भाभी शशि, भतीजे अतुल, उसकी पत्नी अंजली, बहू नेहा, तीन साल के भतीजे अखंड, चार साल की बेटी अयांशी के साथ विधानभवन के गेट नंबर सात के पास पहुंचे। सड़क पर ही पूरे परिवार के साथ खड़े होकर पेट्रोल उड़ेल लिया। हालांकि, आग लगाने से पहले ही हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह, चौकी प्रभारी अजीत सिंह और आत्मदाह सेल के पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। आनन-फानन में सब पर कंबल डालकर कोतवाली लेकर पहुंचे। कोतवाली में ले जाकर सभी को एक कमरे में सुरक्षित किया गया। सुरक्षा के दृष्टिगत बिजली के कनेक्शन कटवा दिए गए। एसीपी अरविंद वर्मा और पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी पहुंचीं। उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई। सभी पेट्रोल से तर-बतर थे तो पुलिस ने संजीव और उनके परिवारीजनों के लिए बाजार से कपड़े मंगवाए। कपड़े बदलने के बाद सबसे पूछताछ हुई।
संजीव ने बताया कि 17 नवंबर 2023 को अमलि गांव के अभिषेक की हत्या हुई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी वीरेंद्र प्रताप सिंह ने उनके भाई आशीष को पूछताछ के लिए दो दिन बाद बुलाया था। इसके बाद मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया था। फिर झूठी आख्या लगाकर भतीजे अतुल को भी जेल भेज दिया। 17 अप्रैल को भतीजे अतुल को जमानत मिली थी। संजीव ने बताया कि इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप सिंह ने उन पर भी धमकी समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज किए थे। परिवार को प्रताड़ित करते रहे। एक एएसपी ने भी पूर्व थानेदार से प्रभावित होकर उनकी शिकायत पर झूठी रिपोर्ट लगा दी। एसपी कासगंज और अन्य अधिकारियों को प्रार्थनापत्र दिया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। त्रस्त होकर आत्मदाह करने आए थे। पूछताछ के बाद अधिकारियों ने कासगंज पुलिस से बात की। इसके बाद सभी को वहां भेज दिया गया।
सात दिन पहले आया था परिवार
संजीव ने बताया कि सात अक्तूबर को वह परिवार के सात सदस्यों के साथ लखनऊ आए थे। यहां अधिकारियों से मिलने की कोशिश की पर मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद मुख्यमंत्री से मिलने गोरखपुर चले गए। मुलाकात नहीं हो सकी थी लेकिन प्रार्थनापत्र वहां दे दिया था। कार्रवाई का आश्वासन मिला था। इसके बाद वह लौटे और सोमवार को आत्मदाह का प्रयास किया।
रॉयल होटल चौराहे के पास खरीदा 3.5 लीटर पेट्रोल
शासन की सख्ती के बाद भी पेट्रोल पंप संचालक नहीं सुधर रहे हैं। इसके कारण आत्मदाह के मामले बढ़ रहे हैं। पंप पर बोतल और डिब्बे में पेट्रोल देना सख्त मना है। संजीव ने बताया कि उन्होंने रॉयल होटल चौराहे के पास पंप से साढ़े तीन लीटर पेट्रोल डिब्बे में खरीदा था।
पति समेत ससुरालीजनों पर प्रताड़ना का आरोप, पुलिस नहीं कर रही सुनवाई
उधर, सीतापुर के तम्बौर ककरहा की रहने वाली नजमा दोपहर करीब दो बजे बैग में पेट्रोल की शीशी लेकर विधानभवन के सामने जा रही थीं। वह खुद पर पेट्रोल डालतीं तब तक हजरतगंज पुलिस ने उन्हें दारुलसफा चौकी के पास ही पकड़ा लिया। पूछताछ में नजमा ने बताया कि उनका विवाह 11 वर्ष पूर्व जिबरील से हुआ था। शादी के बाद से आए दिन दहेज की मांग को लेकर जिबरील और उनके परिवारीजन मारपीट करते हैं। हाल ही में उक्त लोगों ने जलाकर मारने का प्रयास किया था। पुलिस में शिकायत की गई पर सुनवाई नहीं हो रही है। इससे परेशान होकर वह आत्मदाह करने आई थीं। इंस्पेक्टर हजरतगंज ने बताया कि सीतापुर पुलिस को जानकारी देकर नजमा को उनके सुपुर्द कर दिया गया है। नजमा के परिवारीजन भी आ गए थे।