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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Setback to UP government on 69000 teacher recruitment Anupriya Patel welcomed High Court decision

69000 शिक्षक भर्ती पर यूपी सरकार को झटका, अनुप्रिया पटेल ने हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत

अपना दल (एस) की अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के फैसले का स्वागत किया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तानFri, 16 Aug 2024 06:00 PM
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69000 शिक्षक भर्ती 2019 को लेकर दिए गए लखनऊ बेंच हाईकोर्ट के फैसले से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है। वहीं अपना दल (एस) की अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई है। अब जबकि उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूरा पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा। लिखा है कि उनके द्वारा इस विषय को हमेशा सदन से लेकर सर्वोच्च स्तर पर उठाया गया है। जब तक इस प्रकरण में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता वह इस विषय को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लगातार हर संभव प्रयास करती रहेंगी।

अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बोला हमला

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा की पुरानी मेरिट लिस्ट रद कर तीन महीने के अंदर नई सूची जारी करने के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह शिक्षक भर्ती भी भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। साथ ही यह भी कहा कि नई सूची पर हम लोगों की कड़ी निगाह रहेगी। किसी का हक नहीं मारने देंगे। अखिलेश यादव ही नहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी शिक्षक भर्ती की मेरिट पर सवाल उठाती रही हैं। इसकी जांच करके पिछड़े और दलित अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग होती रही थी। अनुप्रिया ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुृए कहा कि खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई है।

क्या है हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। यह भी निर्णय दिया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। 

इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप न करते हुए तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्रवाई पूरी कर लेने को कहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी संख्या में टीचरों की नौकरी जाएगी।

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