'सविनय निवेदन है...आलोचना न समझें', महाकुंभ की व्यवस्था पर अब यह बोले अखिलेश यादव
- सपा प्रमुख ने अपनी पोस्ट में लिखा- 'अव्यवस्था सिर्फ़ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिनरात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है। उप्र की सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे बल्कि तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करे।
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Akhilesh Yadav on Maha Kumbh 2025: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ 2025 में सरकार की व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठाया है। इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए यह टिप्पणी की है।
सपा प्रमुख ने अपनी पोस्ट में लिखा- 'अव्यवस्था सिर्फ़ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिनरात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है। उप्र की सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे बल्कि आस्थापूर्ण आग्रह मानते हुए तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करे। भाजपा सरकार महाकुंभ को आत्म-प्रचार का स्थान न मानकर, सेवाभाव से देखे जिससे शांति की कामना लेकर आए आध्यात्मिक पर्यटकों की यात्रा बिना किसी संघर्ष के शांतिपूर्ण रूप से सुसंपन्न हो सके।' उन्होंने आगे लिखा- 'अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रति भी मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए, उनके उचित विश्राम व भोजन-पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, जिससे व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।'
अखिलेश ने रविवार को लगाई थी संगम में डुबकी
अखिलेश यादव ने रविवार को बेटे अर्जुन यादव संग महाकुंभ जाकर संगम में डुबकी लगाई थी। तब मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार में हमें महाकुंभ का आयोजन करने का मौका मिला था। हमारी सरकार ने कम से कम संसाधन में महाकुंभ पर्व का बेहतर तरीके से आयोजन किया था। उसका हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के दल ने भी अध्ययन किया था। केंद्र को उत्तर प्रदेश सरकार को और अधिक जन सुविधा के लिए धनराशि देनी चाहिए ताकि महाकुंभ पर्व की व्यवस्था और अच्छी हो। बुजुर्गों को दूर से सामान लेकर न आना पड़े। कुंभ क्षेत्र में स्थित किला केन्द्र सरकार से उत्तर प्रदेश को मिलना चाहिए। अखिलेश ने कहा था कि भाजपा वालों के लिए तो यही कहना है कि कुम्भ में आए तो सहनशीलता के साथ स्नान करें। यहां लोग पुण्य और दान के लिए आते हैं, वाटर स्पोर्ट्स के लिए नहीं। यहां जो व्यवस्था होनी चाहिए थी उसका 20 फीसदी भी काम नहीं हुआ। भाजपा सरकार ने पूज्य शंकराचार्य और अन्य प्रमुख साधु संतों के बजाय सरकार के मंत्रियों के ही पोस्टर लगा रखे हैं। कुम्भ में आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
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डिप्टी सीएम ने कसा था तंज
सपा मुखिया अखिलेश यादव के महाकुम्भ स्नान को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अखिलेश यादव, देर आए दुरुस्त आए। हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे। जो सपाई-कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे स्नान जरूर करें।
अखिलेश गिरेबां में झांकें
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा दिए गए महाकुंभ में राजनीति संबंधी बयान पर सोमवार को तीखा पलटवार किया था। ब्रजेश पाठक ने कहा था कि जब उन्होंने (सपा प्रमुख) महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश किया और स्नान किया तो हमने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यदि प्रयागराज में कैबिनेट का आयोजन राजनीतिक है तो कल (रविवार को) वे मुलायम सिंह की प्रतिमा लगाने वालों से मिले क्या यह राजनीतिक नहीं है?