जुर्म स्वीकार करने पर आरोपी को 1500 अर्थदण्ड
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपी दयालू को न्यायालय ने दोषी ठहराया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसे 1500 रुपए का अर्थदण्ड लगाया। अर्थदण्ड न चुकाने पर आरोपी को अतिरिक्त सात दिन की सजा...
हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। अपराध स्वीकार करने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट भारती तायल की कोर्ट ने दोषसिद्ध करार दिया । कोर्ट ने आरोपी दयालू पर 15 सौ रुपए के अर्थदण्ड का सजा सुनाया । अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को सात दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा । सहायक अभियोजन अधिकारी जय सिंह यादव ने बताया कि प्रकरण बखिरा थानाक्षेत्र के ग्राम झुंगिया का है। मामले में वन रक्षक मोबीन अली ने अभियोग पंजीकृत कराया था। उनका आरोप था कि 9 दिसम्बर 2001 को समय लगभग पांच बजे बखिरा झील का गश्त किया जा रहा था। एक नाव पर बैठे दयालू पुत्र संतू व एक अन्य आरोपी जोधन ग्राम झुंगिया सामने से आ रहे थे । नाव रोक कर तलाशी ली गई तो दोनों के पास से दो मृत चिड़िया तथा चिड़िया को खिलाकर मारने वाला दवा बरामद किया गया। आरोपियों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का अभियोग पंजीकृत करके पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। विचारण के दौरान आरोपी दयालू ने अपना अपराध स्वीकार करने का प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। एक आरोपी जोधन पहले ही अपना आरोप स्वीकार कर चुका था। पक्षों की बहस सुनने के पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट भारती तायल की कोर्ट ने आरोपी दयालू को दोषसिद्ध करार दिया।
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