निजी क्षेत्र में हॉस्पिटल तो बहुत पर टीबी के मरीज नदारद
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में पिछले 11 महीने के दौरान जिले में दो
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में पिछले 11 महीने के दौरान जिले में दो हजार 269 टीबी के मरीजों को खोजा गया है। सबसे अधिक मरीज सरकारी क्षेत्र के चिकित्सालय में पाए गए हैं, हालांकि निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों की तादाद जिले में अधिक है। फिर भी निजी क्षेत्र से अपेक्षित मरीज नहीं निकल रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी निजी चिकित्सालयों में जाकर वहां के चिकित्सकों से संपर्क का मरीजों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे जिले में मरीजों की वास्तविक संख्या का पता चल सके।
जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 129 चिकित्सालयों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इन अस्पतालों में क्लीनिक, हास्पिटल, पैथोलॉजी शामिल हैं। चिकित्सालयों की लंबी लिस्ट के बाद भी जिले में 11 माह के दौरान मात्र पांच सौ मरीजों को खोजा गया है। सरकारी क्षेत्र में अब तक दो हजार 369 मरीाजों को खोजा गया है, जबकि जिला अस्पताल और पीएचसी-सीएचसी पर ही मरीजों के जांच की सुविधा है। सरकारी चिकित्सालयों की तादाद कम होने के बाद भी मरीजों की तादाद अधिक है। निजी क्षेत्र में मरीजों की तादाद बढ़ाने और मरीजों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए राजकीय टीबी क्लीनिक में तैनात कविता पाठक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह नियमित रूप से निजी चिकित्सालयों का भ्रमण करने के साथ वहां के मरीजों को राजकीय टीबी क्लीनिक में मरीजों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित करेंगी ताकि उन मरीजों को पोषण भत्ता दिया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एसडी ओझा ने बताया कि मरीज निजी क्षेत्र में इलाज कराए या फिर सरकारी तंत्र में उसका टीबी क्लीनिक में पंजीकरण जरूरी है। ताकि यह पता चल सके कि जिले में टीबी के वास्तविक मरीज कितने हैं। इसलिए निजी अस्पतालों से टीबी के मरीजों का विवरण मांगाा जा रहा है।
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