सनातन संस्कृति ने विश्व को दिए हैं मानवता के मूल्यों का उपहार
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के हीरालाल रामनिवास स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय में भारतीय संविधान एवं सनातन मूल्य पर व्याख्यान आयोजित हुआ। मुख्य वक्ता प्रो. विजय राय ने बताया कि सनातन संस्कृति ने मानवता, स्वतंत्रता और...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के हीरालाल रामनिवास स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में भारतीय संविधान एवं सनातन मूल्य विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता बीएड विभाग के आचार्य प्रो. विजय राय ने कहा कि सनातन संस्कृति ने भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व को मानवता, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, प्रेम एवं सम्मान रूपी मूल्य को प्रदान करता है।
राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ शशिकांत राव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं विषय की रूपरेखा प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता प्रो. विजय राय ने कहा कि सनातन संस्कृति के इन्हीं मूल्यों अंगीकार करते हुए भारत का संविधान भी इनकी रक्षा के लिए कृत संकल्पित है। संविधान में सभी के कल्याण की जो भावना निहित है वह विचार सनातन संस्कृति से ही प्रभावित है। हमारा संविधान सनातन संस्कृति को जीवन में उतारने का प्रेरक ग्रन्थ है। जो सनातन मूल्यों को जीवनता प्रदान करता है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. विजय कृष्ण ओझा ने कहा कि सनातन मूल्य हमें विनम्र होने की प्रेरणा देते हैं। विनम्रता के बिना एक मनुष्य पशु के समान होता है। स्वाती नक्षत्र में होने वाली वर्षा की बूंद जब गर्म लोहे पर पड़ती है तो उसका अस्तित्व ख़त्म हो जाता है। जब वही बूंद सीप में गिरता है तो मोती बन जाता है। इसलिए व्यक्ति के जीवन में उसका निर्णय उसके लिए बहुत महत्व रखता है। प्रो. प्रताप विजय कुमार ने कहा कि 21वीं सदी परिवर्तन की सदी है। आज मूल्यों का तेजी से क्षरण हो रहा है। जिससे समाज में समस्याएं बढ़ रहीं हैं। महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो. राजेश चन्द्र मिश्र छात्रों को शिक्षित बनकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज भारतीय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ हेमेंद्र त्रिपाठी ने किया।
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