Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़संतकबीरनगरSocial Audit Reveals Misuse of MGNREGA Funds in Pauhli Development Projects

विकास कार्य मे अनियमितता, भाई-बेटे व बाप ले रहे मनरेगा की मजदूरी

पौली, हिन्दुस्तान संवाद। विकास खन्ड पौली के शनिचरा बाजार, सेवईपार, सकूरचक, रोसया

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 5 Oct 2024 10:02 PM
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पौली, हिन्दुस्तान संवाद। विकास खन्ड पौली के शनिचरा बाजार, सेवईपार, सकूरचक, रोसया बाजार में शुक्रवार को सोशल आडिट टीम ने धरातलीय निरीक्षण किया। इस दौरान विकास कार्यो कि पुष्टि की गई। वहीं जॉब कार्ड धारकों के मनरेगा कार्यों की पुष्टी के दौरान मनरेगा के कार्यों की मजदूरी में प्रधान के भाई, बेटे व बाप के नाम भुगतान करने का मामला सामने आया।

ग्राम पंचायत शनिचरा बाजार मे वित्तीय वर्ष 2023-2024 में कुल पीएम आवास सहित 71 परियोजनाओ पर नाली, खड़ंजा, इन्टरलाकिंग, कच्चा-पक्का मिला कर लगभग 48 लाख रूपए से विकास कार्य कराया गया। यहां सोशल आडिट टीम के कोऑर्डिनेटर देवेंद्र तिवारी, कृष्ण कुमार ,राम अनुज, ज्ञान दास, सरोज देवी की टीम जब सोशल ऑडिट करने पहुंची तो पाया कि 90 लोगों को 92 दिन एक व्यक्ति को 99 दिन का रोजगार दिया गया है। इंटरलॉकिंग पर नौ तथा 26 कच्चे कार्यों पर काम कराया गया है। जिसमें मंडी से अस्पताल तक 80 मीटर की परियोजना स्वीकृत की गई है। भुगतान किया गया कार्य आधा-अधूरा पड़ा है। मुनीलाल के घर के सामने पोखरे की खोदाई का भुगतान मनरेगा से लिया गया है लेकिन कार्य नहीं कराया गया है। खेत के समतलीकरण में भी काफी अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है। छोटेलाल के खेत से दुर्गेश के खेत तक इंटरलॉकिंग का कार्य एक महीने पूर्व कराया गया लेकिन मानक विहीन कार्य करवाए जाने के कारण दोनों तरफ की दीवारें ढह गईं। इस पर ग्रामीणों ने मानक विहीन कार्य कराए जाने का आरोप लगाया है। यहां जो कभी काम नहीं किया उसके नाम से भी हजारों हजार का भुगतान मनरेगा से लिया गया है। जिसमें सहदेव पुत्र नंदलाल, हरि नारायण, मिठाई की दुकान चलाने वाले दिलीप कुमार के नाम से भी भुगतान किया गया है। प्रधान ने अपने भाई महाजन पुत्र सभाजीत के नाम से भी मनरेगा के धन का भुगतान करवाया। जबकि उनके नाम से महाजन ट्रेडिंग कंपनी भी चलती है। इस प्रकार शनिचरा बाजार में मनरेगा के धन का काफी बंदरबांट किया गया। इसी क्रम मे सेंवईपार मे इस वित्तीय वर्ष मे कुल कच्चे कार्यो पर सात परियोजनाओं में लगभग 5 लाख रुपए खर्च किया गया। यहाँ प्रधान के बेटे के नाम से मनरेगा भुगतान का मामला सामने आया। ग्राम पंचायत सकूर चक में भी प्रधान ने अपने पिता राम केश के नाम से मनरेगा का भुगतान किया है।

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