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अस्पताल में बढ़ी पेट दर्द व दमा के मरीजों की संख्या

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले के अस्पताल में मौसम बदलने के साथ मरीजों की लंबी कतारें लगने लगी हैं। पेट दर्द, दमा, बुखार और उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मरीजों को एक ही तरह की दवाएं दी जा रही हैं और...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरWed, 16 April 2025 10:23 AM
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अस्पताल में बढ़ी पेट दर्द व दमा के मरीजों की संख्या

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में मौसम बदलने के साथ ही जिला संयुक्त चिकित्सालय में मरीजों की लंबी कतार लगनी प्रारंभ हो गई है। इन मरीजों में सबसे अधिक पेट दर्द, दमा के मरीज शामिल हैं। मरीजों को अस्पताल में हर जगह पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक्सरे, पैथोलॉजी जांच कराने व दवा लेने के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में दवा के लिए लोगों को अंदर के बजाय बाहर के मेडिकल स्टोर का सहारा लेना पड़ रहा है।

गर्मी बढ़ने के कारण अब अस्पतालों में मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ने लगी है। इन दिनों पेट दर्द, बुखार व उल्टी दस्त के मरीज अधिक आ रहे हैं। फिजीशियन कक्ष में इन मरीजों की लंबी कतार लग रही है। डाक्टर के देखने के बाद बीमार लोगों को जांच, एक्सरे व ईसीजी कराने के लिए लंबी कसरत करनी पड़ रही है। अधिकांश को तो बिना जांच के दवा कराना मजबूरी हो गई। दूर-दराज से आए मरीजों को यह उम्मीद रहती थी कि एक रूपए की पर्ची पर सभी जांच व दवा हो जाएगी लेकिन यहां पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है। ऐसे में अब मरीज निजी अस्पताल की तरफ रुख करना शुरू कर दिए हैं।

सभी मरीजों को दी जा रही एक ही किस्म की दवाएं

जिला अस्पताल में जो भी मरीज उपचार के लिए आते हैं असहाय रहते हैं। किसी तरह से मरीज चिकित्सक तक उपचार कराने के लिए पहुंच जा रहा है लेकिन दवा के नाम पर उसे झुनझुना थमा दिया जा रहा है। हालत यह कि यदि किसी को पेट दर्द, शरीर में अकड़न, डायरिया समेत अन्य परेशानी है तो सभी को एक ही तरह की दवाएं दी जा रही हैं। जब मरीज दवा लेकर चिकित्सक के पास जाते हैं तो डाक्टर उन्हें यह कह कर घर भेज देते हैं कि यह सरकारी व्यवस्था है। इसके विपरीत हम सब कुछ नहीं बोल सकते। दवा लेने के लिए कतार में खड़े सुरेश, राम करन, सुकन्या, सीमा समेत अन्य ने बताया कि सभी को गैस, दर्द की दवा दी जा रही है। इन लोगों ने कहा कि इससे बेहतर तो बाहर से दवा लेना व उपचार करना है।

मरीजों की नहीं दी जा रही एक्सरे प्लेट

जिना मरीजों के पास बढ़ी मोबाइल नहीं रहती है उनका डिजिटल एक्सरे नहीं हो पा रहा है। इस जांच के लिए मरीजों को बड़ी मेाबाइल का होना आवश्यक रहता है। एक्सरे कराने के बाद मरीजों को मोबाइल से स्क्रीन की फोटो खींचकर चिकित्सक को दिखाना होता है। ऐसे में इस जांच के लिए मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है।

सीएमओ डा. रामानुज कन्नौजिया ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को कोई असुविधा न हो इसके लिए हमेशा प्रयास किया जा रहा है। दवा कमी होने की जानकारी नहीं है। जिन मरीज को जिस दवा की आवश्यकता होगी उसे दिया जाना चाहिए। यदि सभी को एक ही दवाएं दी जा रही है तो यह गलत है।

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