पठान टोला में लोगों के घरों से गुजर रहे नंगे तार, हर समय बिजली का खतरा
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के पठान टोला मोहल्ले में पानी, सड़क और गंदगी की गंभीर समस्याएं हैं। मोहल्ले के नागरिकों को समय पर पानी नहीं मिल रहा और बिजली के खतरनाक तार लटक रहे हैं। सड़कों की स्थिति बेहद खराब है और...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम नगर पालिका खलीलाबाद का पठान टोला मोहल्ला में पानी, सड़क, गंदगी आदि कि समस्याओं से जूझ रहा है। मोहल्ले में हुआ विद्युतीकरण लोगों के घरों के पास से गुजरा है। जो हर वक्त खतरा बना रहता है। यहां अधिकतर पठान बिरादरी के लोग रहते हैं। यह मोहल्ला इसी नाम से विख्यात हो गया। पहले इसे पूर्वी पठान टोला और पश्चिमी पठान टोला के नाम से जाना जाता था। नगर का विस्तारीकरण होने के बाद पूर्वी पश्चिमी का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अब इस मोहल्ले को पठान टोला के नाम से जाना जाता है।
पठान टोला मोहल्ले की आबादी लगभग दस हजार है। यहां काफी सघन बस्ती होने की वजह से लोगों के घर आसपास सटे हुए हैं। शहर के बीच काफी पुराने इस मोहल्ले के नागरिकों को समय से पानी तक मयस्सर नहीं हो पा रहा है। लोगों के घरों में टोंटियां लगी हैं। लेकिन सप्लाई का आने वाला पानी ग्राउंड फ्लोर तक ही आता है। प्रेशर न होने से ऊपरी मंजिलों पर नहीं चढ़ पाता है। इसकी वजह से यहां के नागरिक परेशान हैं। मोहल्ले की अधिकांश सड़कें टूटी हुई हैं। यहां की नालियां जर्जर हैं। यहां के लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी पास के तालाब में गिर कर तालाब के पानी को प्रदूषित कर रहा है। मोहल्ले के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है। लोगों केघरों को जाने वाले बिजली के तार लटक रहे हैं। घरों से सट कर ही बिजली के पोल गाड़े गए हैं। इनके सहारे जाने वाले बिजली के तार घरों से सटकर जा रहा हैं। जो कभी भी खतरनाक हो सकते हैं। मोहल्ले की गलियों एक तो काफी संकरी हैं दूसरे इसमें ठेले खड़े रहते हैं। इसकी वजह से चार पहिया वाहन बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। कुछ गलियां तो ऐसी हैं कि वहां दोपहिया से भी नहीं जाया जा सकता है। केवल पैदल ही जाने का रास्ता है।
तालाबों के सुंदरीकरण की दरकार
पठान टोला मोहल्ले में तालाब तो हैं, लेकिन इसमें गंदगी भरी पड़ी है। यहां के लोग धीरे-धीरे तालाब को पाटकर कब्जा कर ले रहे हैं। इसी तालाब में लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी गिराया जा रहा है। इसकी वजह से संक्रमणक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया गया है। इन तालाबों को संक्षित करने की तरफ जिम्मेदारों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। यदि इन तालाबों का सुंदरीकरण कराया जाता तो यहां का वातावरण पूरी तरह से स्वच्छ होता। मोहल्ले के लोगों का लिए घूमने टहलने का एक अच्छा केन्द्र भी बन जाता है।
बोले नागरिक :
मोहल्ले का विकास अनियोजित तरीके से हुआ है। जिनकी पहुंच है उनकी गलियां बेहतर बन जाती हैं। जिन लोगों की पहुंच नहीं हैं उनकी गलियों का निर्माण नहीं होता है। इस बारे में नगरपालिका से कई बार शिकायत की गई, लेकिन वहां पर भी कोई सुनने वाला नहीं है।
इसरार अहमद
मोहल्ले में समस्याएं बहुत हैं। इसी मोहल्ले के बगल में वाटर हेड टैंक है लेकिन पानी आता ही नहीं है। पानी आता भी है तो प्रथम तल तक कभी चढ़ता ही नहीं है। फिर भी वाटर टैक्स भरना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर अक्सर पानी नहीं आता है, हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है।
मो. इस्लाम
मोहल्ले में विद्युतीकरण के लिए घरों से सट कर बिजली का नंगा तार जा रहा है। बच्चे छत पर जाते हैं तो डर लगा रहता है। कहीं तार न पकड़ लें। विजली विभाग इस तार को हटवा दे तो बेहतर रहता। घर से सटा तार जाने की वजह से बरसात में कभी-कभी बिजली भी उतरती है।
अब्दुल वहीद
बड़ी मुश्किल से हमारे आवास वाली गली बनी है। बनने के चार माह बाद ही बिगड़ने लगी है। न जाने कौन सा ईंट लगवाए हैं। लगते ही टूटने लगा है। पालिका टैक्स तो पूरा लेती है, लेकिन उस अनुरूप सुविधाएं नहीं मुहैया करा रही है।
माशा अल्लाह
रास्ते पूरी तरह से धंसे हुए हैं। लोग मिट्टी पाट कर सड़कों को बनाते हैं। सड़कें कब से नहीं बनी इस बारे में कहा नहीं जा सकता है। ई-रिक्शा आता है तो हिचकोले खाता है। कभी इधर लटकता है और कभी उधर लटकता है।
मो. रऊफ
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