लॉकडाउन का फर्नीचर उद्योग पर असर, पांच करोड़ का नुकसान
संतकबीरनगर। निज संवाददाता कोरोना का असर व्यवसाय पर सबसे अधिक पड़ा है।...
संतकबीरनगर। निज संवाददाता
कोरोना का असर व्यवसाय पर सबसे अधिक पड़ा है। सहालग के समय में ही लॉकडाउन लगने से जनपद में 400 से अधिक लोगों ने विवाह को कैंसिल कर दिया। इस कारण हर कारोबार पर असर पड़ा ही साथ ही सभी शोरूम और दुकानें पूरी तरह से बंद भी चल रही हैं।
जनपद में फर्नीचर उद्योग भी काफी प्रभावित हुआ है। हर साल सहालग के समय में पांच से छह करोड़ रुपए तक का कारोबार होता था। लेकिन इस बार एक करोड़ के आस-पास ही बिक्री हो पाई है। करीब पांच करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शहर से लेकर देहात तक कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।
फर्नीचर उद्योग लगाने वाले कारोबारी भी काफी परेशान हैं। क्योंकि सहालग को लेकर सभी ने खूब तैयारी की थी। करीब दो सौ के आस-पास पहले से किए गए ऑर्डर भी कैंसिल हो गए हैं। इससे दुकानदारों को एडवांस भी वापस करना पड़ा है। फर्नीचर के कारोबारी गोदाम में रखे गए स्टॉक को लेकर भी परेशान हैं, क्योंकि अब अगली सहालग तक उन्हें उसे सुरक्षित रखना होगा।
खलीलाबाद :
फर्नीचर उद्योग पर पड़ा काफी अधिक असर
खलीलाबाद शहर में मई महीने में करीब साढ़े तीन से चार करोड़ रुपए के फर्नीचर का कारोबार होता था। शहर में दर्जन भर बड़े शोरूम संचालित हैं। सभी ने सहालग को लेकर खूब तैयारी किया था। ईरम फर्नीचर, ओम फर्नीचर के कारोबारी की मानें तो सहालग को लेकर जितने ऑर्डर मिले थे उसमें से 90 प्रतिशत कैंसिल हो गए। लोगों ने विवाह ही रोक दिया। इस कारण लंबी पूंजी फंस गई है। इसके साथ ही अगले सहालग तक तैयार फर्नीचर को गोदाम में ही रखना पड़ेगा। कारोबारियों ने बताया कि फर्नीचर का 80 प्रतिशत कारोबार सहालग में और 20 प्रतिशत आम दिनों में होता है। यह सीजन खराब होने से आने वाले छह महीने तक बाकी खर्च चलाना भी कठिन हो जाएगा। कारोबारी राजू शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से कारपेंटरों के रोजगार पर भी असर पड़ गया है। काम पूरी तरह से ठप है।
मेंहदावल :
कोरोना ने फर्नीचर कारोबारियों को किया बेहाल
लॉकडाउन से फर्नीचर का कारोबार करने वालों को काफी नुकसान हुआ है। लगन का सीजन देखते हुए फर्नीचर व्यापारियों ने इससे जुड़ा सामान बड़ी मात्रा में स्टाक कर रखा था। अब शादी का सीजन कम दिन ही रह गया है और स्टॉक डंप पड़ा हुआ है। लॉकडाउन के चलते न सिर्फ दुकानों में ताला लटका हुआ है बल्कि कुछ शादियां भी स्थगित हो गई हैं। इससे इस कारोबार से जुड़े व्यवसाइयों को लाखों का कारोबार प्रभावित हुआ है। आगे लॉकडाउन पर असमंजस है। ऐसे में व्यापारियों को इस खराब स्थिति से उबरने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। डबल बेड, सोफा, ड्रेसिंग टेबल, फोम गद्दा, मंदिर, आलमारी से गोदाम भरा हुआ है। इन सामानों की विशेष मांग होती है। सीजन में लाखों का कारोबार हो जाता था। लेकिन इस बार भी पिछली बार की तरह लॉकडाउन का पूरी तरह असर पड़ा है। ग्राहक दुकान बंद होने की वजह से दिख नहीं रहे हैं। कारीगर विश्वनाथ, मनोज, सुन्नर ने कहा काम न मिलने से आमदनी बंद हो गई। कई आर्डर तैयार होने के बावजूद दुकान पर डंप पड़े हुए हैं। लॉकडाउन से कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है।
धनघटा :
लाखों का फर्नीजर पड़ा डंप
धनघटा क्षेत्र के फर्नीचर कारोबारी काफी परेशान हैं। हर चौराहे पर एक से दो बड़ी दुकानें फर्नीचर की संचालित हो रही हैं। इसके अलावा कई कारपेंटर छोटी दुकान खोलकर फर्नीचर तैयार करते हैं। सभी ने पहले से ही पूरी तैयारी की थी, लेकिन इस बार भी तैयारियों पर पानी फिर गया। तैयार सोफा, बेड सब गोदाम में पड़ा हुआ है। कारोबारियों की माने तो सहालग के समय में ही सबसे अधिक कारोबार होता था। लेकिन इस बार 10 प्रतिशत भी बिक्री नहीं हुई है। कारपेंटर सुरेश ने बताया कि हम लोगों के परिवार का खर्च इसी से चलता है। लेकिन लॉकडाउन होने से कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। हम सभी घर बैठे हुए हैं। कारोबारी अजय की माने तो मई, जून महीने में पूरे साल में सबसे अधिक बिक्री होती थी। जो ऑर्डर मिले थे उसमें से ज्यादातर कैंसिल हो गए हैं।
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