रंजना अग्रहरि के गीतों पर थिरके दर्शक
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले के कबीर मगहर महोत्सव में रंजना अग्रहरि ने अपनी गायकी से दर्शकों का मनोरंजन किया। उन्होंने कबीर की वाणी और लोक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन स्वीटी सिंह...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के कबीर मगहर महोत्सव में मुख्य मंच पर आकाशवाणी लखनऊ की कलाकार लोग गीत गायिका रंजना अग्रहरि ने लोग गीत व कबीर वाणी से श्रोताओं को खूब मनोरंजन किया। उनके गीतों पर पूरे पांडाल में बैठे श्रोता झूमते थिरकते रहे। कार्यक्रम का संचालन मशहूर गायिका व उदघोषिका स्वीटी सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत कबीर के दोहे ‘कबिरा जब हम पैदा हुये, जग हंसे हम रोये। ऐसी करनी कर चलो हम हंसे जग रोये, ‘पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय... सुनाकर कबीर की वाणी से श्रोताओं को रूबरू कराया। इसके बाद ‘ऐसी बानी बोलिये मन का आपा खोय..., ‘बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर... सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद निर्गुण भजन ‘कौनो ठगवा नगरिया लूटल हो.. लूटल हो.. कौनो ठगवा नगरिया लूटल हो सुनाकर श्रोताओं में भक्ति का भाव भर दिया। इसके बाद उन्होंने निर्गुण भजन ‘हे गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबै, पिया से कर दे मिलनवा हाय राम खूबसूरत अंदाज़ में पेश किया। इसके बाद उन्होंने ‘सईयां घूंघट में न जईबै हम गोदईबै गोदना सुनाया तो लोग मंत्रमुग्ध हो गये।
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