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औद्योगिकनगर में बांस बल्लियों के सहारे आपूर्ति हो रही बिजली

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के औद्योगिक नगर में रोजगार की कमी और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे लाइन ने क्षेत्र को शहर से अलग कर दिया है, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। अंडरपास निर्माण के...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरFri, 31 Jan 2025 05:08 PM
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औद्योगिकनगर में बांस बल्लियों के सहारे आपूर्ति हो रही बिजली

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में शहर का औद्योगिक नगर कभी लोगों को रोजगार देने के लिए जाना जाता था। मुखलिसपुर रोड स्थित यह मोहल्ला रोड के दोनों तरफ स्थित है। रेलवे रेलवे लाइन क्रास करते ही मोहल्ला शुरू हो जाता है। अब यहां पर औद्योगिक प्रतिष्ठान कम और लोगों के निजी आवास अधिक हो गए हैं। रोजगार की जगह वीआईपी लोगों का ठौर है। कभी यह मोहल्ला हैंडलूम के कपड़ों की प्रासेसिंग व अन्य उद्योगों के लिए जाना जाता था। उद्योगों के लिए बने भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। बांस-बल्लियों के सहारे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जल निकासी की व्यवस्था मुकम्मल नहीं हैं। हर कदम पर लोग दुश्वारियां झेल रहे हैं। मुखलिसपुर रोड पर बने फ्लाईओवर के पश्चिम की ओर बड़ा नाला खोद दिया गया है। चौड़ा नाला होने की वजह से हर समय इसमें पानी भरा रहता है। पानी निकासी के लिए सही ढलान न होने की वजह से नाला हर समय बजबजाता रहता है। यही कारण है कि बरसात और गर्मी तो दूर ठंडक के मौसम में भी मच्छर लगते हैं। औद्योगिक नगर का यह एरिया पूरी तरह से उपेक्षित है। इस एरिया में बांस-बल्ली के सहारे लोगों के घरों में बिजली आपूर्ति की जा रही है।

फ्लाईओवर के पूरब की ओर का मोहल्ले में सघन आबादी होने की वजह से चार पहिया वाहनों को पुराने मोहल्ले में आने जाने में परेशानी होती है। वहीं इस क्षेत्र में नई आबादी का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। नई आबादी को मुकम्मल व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। इस मोहल्ले में नई सड़क की खोदई हो गई थी। काफी जद्दोजहद के बाद सड़क का निर्माण हो सका है।

रेलवे लाइन ने अलग कर दिया शहर से

शहर के मध्य से गुजरी रेलवे लाइन औद्योगिकनगर मोहल्ले को शहर से अलग कर देती है। 80 प्रतिशत आबादी शहर की रेलवे लाइन के उत्तर की ओर बसी हुई है। शहर की 20 फीसदी आबादी रेलवे लाइन के दक्षिण की ओर बसी हुई है। इसी में औद्योगिकनगर मोहल्ला भी है। शहर के अंदर फ्लाईओवर बनने के बाद इस शहर की दुर्दशा और भी बढ़ जाती है। जो लोग रेलवे लाइन से इस पार से उस पार आसानी से आ जाते थे अब उन लोगों को फ्लाईओवर के माध्यम से आना जाना होता है। दो मिनट की राह 15 मिनट में पूरी होती है। इसकी वजह से समस्याएं और भी बढ़ गई। इन समस्याओं से निजात के लिए लोगों ने आन्दोलन किया और अंडरपास का निमार्ण शुरू हुआ। अंडरपास बन कर तैयर हो गया है। अब इस रास्ते से लोगों का आना शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन अभी नहीं हुआ है।

प्रोसेसिंग यूनिट बंद होने से रोजगार पर लगा ब्रेक

शहर के औद्यौगिकनगर मोहल्ले में कपड़ों में शाइनिंग लाने के लिए प्रोससिंग यूनिट की स्थापना की गई थी। 80के दशक में यह यूनिट खूब चल रही थी। यहां पर सैकड़ों मजदूरों को रोजगार कपड़ों के निर्माण से जुड़े लोग यहां पर प्रोससिंग कराने के लिए आते थे। रोजगार केवल कपड़ा निर्माण के लिए ही नहीं चलता था। अपितु इसी के साथ दूसरे रोजगार भी खूब चल रहे थे। प्रोससिंग यूनिट बंद होने के बाद अब यह भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। समूचे परिसर में पेड़ व झाड़ झंखाड़ उग आए हैं। प्रोससिंग यूनिट की बाउंड्री अब चारो ओर से घेर दी गई है। इस परिसर में कोई आता-जाता नहीं है। बारिश के बाद अब इसकी बाउंड्री भी लटकने लगी हैं। कभी भी इसकी बाउड्रीवाल टूट सकती है।

अंडरपास से भरने लगे फर्राटा

शहर को जोड़ने के लिए अंडरपास लगभग पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया है। इस अंडरपास को बनाने के लिए शहर के व्यापारियों ने लगातार आन्दोलन चलाया था। सतत आन्दोलन के बाद सदर विधायक और सांसद ने संयुक्त रूप से प्रयास कर अंडरपास के लिए मंजूरी दिलाई। दो सालों में यह अंडरपास बन कर तैयार हो गया है। इस रास्ते लोग फर्राटा भरने लगे हैं। इसके छाजन का काम चल रहा है वह भी अंतिम चरण में हैं।

फ्लाईओवर के चलते आधे क्षेत्र का नहीं हुआ विकास

फ्लाईओवर बन जाने से रेलवे क्रासिंग पर लगने वाला जाम से लोगों को निजात मिल गया है। जिला मुख्यालय से धनघटा जाने लिए अब किसी प्रकार की लोगों को परेशानी नहीं होती है। रेलवे क्रासिंग पर भी जाम नहीं लगता है। दूसरी ओर यह फ्लाईओवर मोहल्ले को दो भागों में बांट दिया है। फ्लाईओर की वजह से मोहल्ले के पश्चिमी हिस्सा का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। अभी भी इस क्षेत्र में रास्ते पर खड़ंजा तक नहीं लगा है। मोहल्ले में जल निकास का भी संकट बरकरार है।

नगरपालिका ईओ अवधेश कुमार भारती ने कहा कि मोहल्ले से जो प्रस्ताव बनाकर आया था उसमें से दो सड़कों पर काम शुरू हो गया है। एक कच्ची सड़क भी पटाई जा रही है जल्द ही सारी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त कर दी जाएंगी। नागरिकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होने पाएगी।

चेयरमैन जगत जायसवाल ने कहा कि औद्योगिकनगर मोहल्ले में प्राथमिकता के आधार पर काम कराया जाएगा। यहां से जो प्रस्ताव आया था उस पर अमल किया जा रहा है। इसके लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है। शासन से धन आते ही काम शुरू हो जाएगा।

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