लक्ष्य से अधिक किसानों के खेत में लगा ड्रिप इरीगेशन
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति की मांग बढ़ रही है। लोग कम पानी में बेहतर उपज के फायदे समझने लगे हैं। बागवानी के लिए ड्रिप प्रणाली अपनाई जा रही है, जिस पर सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में बूंद-बूंद सिंचाई की पद्धति की स्थानीय स्तर पर डिमांड बढ़ने लगी है। लोग पानी के महत्व को समझने के साथ ही यह भी जान गए हैं कि कम पानी से बेहतर उपज मिल रही है अपेक्षाकृत अधिक पानी सिंचाई करने से। यही कारण है कि इस वर्ष बागवानी की सिंचाई के लिए ड्रिप प्रणाली से सिंचाई पर लोगों ने जोर दिया है। इसके लिए सरकार अनुदान भी मुहैया करा रही है। जिले में 60 हेक्टेयर के सापेक्ष 91 हेक्टेयर भूमि पर ड्रिप प्रणाली को लगाया गया है।
जिले में ड्रिप प्रणाली से सिंचाई के लिए शासन से 60 हेक्टेयर पर सिंचाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस प्रणाली से सिंचाई खासकर बागान और पपीता और केला की खेती के लिए बेहतर माना जाता है। जिले में केला और पपीता की खेती के लिए क्षेत्रफल तेजी से बढ़ रहा है। इन फसलों को नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि कामर्शियल खेती करने वाले ड्रिप प्रणाली को तेजी से अपना रहे हैं। शासन से जिले के किसानों के लिए 60 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया था। वर्तमान में अब तक 91 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई संयंत्र स्थापित हो गया है।
किसानों को 90 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
बूंद बूंद सिंचाई करने के लिए जो संयंत्र लगाया जा रहा है, उस संयंत्र पर उद्यान विभाग किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान मुहैया करा रहा है। एक हेक्टेयर खेत के लिए एक लाख 47 हजार लागत निर्धारित है। इस लागत का 90 प्रतिशत तक अनुदान कियानों को दिया जाएगा।
जिला उद्यान अधिकारी समुद्रगुप्त मल्ल ने बताया कि कम पानी का प्रयोग कर बेहतर उपज के लिए यह प्रणाली बेहद ही लाभकर है। किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। विभाग में किसान रजिस्ट्रेशन करा कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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