ठंड से बचाव का बेहतर तरीके से करें उपाय
Santkabir-nagar News - ठंड में लापरवाही से बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं की सेहत पर खतरा हो सकता है। वायरल फीवर, हार्ट अटैक, पैरालायसिस और ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड से बचने...
मेंहदावल, हिन्दुस्तान संवाद। ठंड में जरा सी लापरवाही आपके तथा आपके परिवार की सेहत बिगाड़ सकती है। इससे बच्चे, बुजुर्ग व नौजवान सभी के लिए खतरा हो सकता है। ठंड की चपेट में आने से वायरल फीवर, सांस फूलने, हार्ट अटैक, पैरालायसिस सहित ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में थोड़ा सा एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। दिसम्बर महीने का पहला सप्ताह बीतने के बाद सर्द पछुआ हवाओं का दौर शुरू हो गया है। जिसकी वजह से गलन के साथ ठंड का असर भी बढ़ गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेंहदावल, क्षेत्र के पीएचसी समेत प्राइवेट डाक्टरों के यहां ठंड से बीमार होने वाले मरीजों की भी संख्या बढ़ने लगी है। चिकित्सकों का कहना है कि आधे से ज्यादा मरीज ठंड जनित बीमारियों से पीड़ित होकर आ रहे हैं। कभी-कभी इनके लिए यह जानलेवा भी साबित हो जाती है।
सीएचसी अधीक्षक बाल रोग विशेषज्ञ डा. आईडी गौरव का कहना है कि वायरल फीवर से प्लेटलेट घटने का खतरा बना रहता है। प्लेटलेट घटने से मरीज के लिए नई समस्या खड़ी हो सकती है। बुजुर्गों व बच्चों को ठंड से विशेष रूप से बचाने की जरूरत है। बच्चों का पूरा शरीर ढंक कर रखें तथा ठंडे हाथ से उन्हें न छुए। ठंड लगने से बच्चे डायरिया का शिकार हो सकते हैं।
वहीं सीएचसी के चिकित्साधिकारी डा. आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ वायरल फीवर, हार्ट अटैक, पैरालिसिस व सांस फूलने आदि बीमारी संभावना बढ़ जाती है। हृदय व ब्ल्ड प्रेशर रोगियों के लिए ठंड का मौसम बेहद संवेदनशील होता है। बुजुर्ग, हृदय की बीमारी वाले मरीज सामान्य तापमान बनाए रखें तथा अचानक बिस्तर से बाहर न निकलें। उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए। ठंड से बचाव के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि धूप होने पर गर्म कपड़ों को पूरी तरह से उतार देने से भी ठंड लगने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों, बुजुर्गो व मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
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