संतकबीरनगर में नहीं दूर हो रहा डीएपी खाद का संकट
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले की समितियों पर खाद पहुंचने के बाद भी किसानों
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले की समितियों पर खाद पहुंचने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। किसान समितियों का चक्कर लगाकर परेशान हैं। सुबह छह बजे से लाइन में लगने के बाद भी समितियों पर खाद नहीं मिल पा रही है। कई समितियों पर हंगामा की स्थिति उत्पन्न हो रही है। कुछ प्राइवेट दुकानों पर खाद पहुंची, लेकिन वहां पर खाद के साथ नैनो डीएपी लेना पड़ा, जो काफी महंगा पड़ा।
मेंहदूपार में लोग खाद के लिए परेशान हैं। तीन दिन से चक्कर काट रहे हैं। नहीं मिल पाई है। जखिनिया निवासी हरीराम ने बताया कि एक दिन पहले तीन किमी से आकर सुबह से लाइन में लगे थे। खाद मिलने का टाइम आया तो सचिव ने वितरण बंद कर दिया। रैधरपार निवासी कुलदीप ने बताया कि चार किमी से आए थे, लेकिन जब तक नम्बर आया वितरण बंद कर दिया गया। इस तरह से सोनू, रामसुभग, राकेश कुमार, हरिहर, हरिश्चंद्र, अजय मिश्रा आदि लोगों ने बताया कि बिना खाद के वापस जाना पड़ा।
मेंहदावल ब्लाक के साधन सहकारी समितियों पर भी डीएपी खाद का वितरण नहीं किया गया। किसान समितियों पर भागदौड़ करते रहे। लेकिन हर जगह ताला ही लटकता पाया। हताश, परेशान किसान थक-हार कर घर वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। डीएपी खाद न मिलने से रबी के फसल की बुवाई प्रभावित हो रही है। कई किसान प्राइवेट दुकानों से वैकल्पिक खाद खरीद कर गेहूं की बुवाई करने पर मजबूर हो रहे हैं।
नाथनगर ब्लॉक की समितियों पर डीएपी खाद लेने के लिए किसानों को काफी संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान लाइन में खड़े किसानों के बीच कई बार वाक्युद्ध भी हुआ। धक्का-मुक्की बीच अपनी बारी का इंतजार करने में किसान सजग रहे। हालांकि कुछ किसानों को खाद खत्म होने जाने से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
पौली के साधन सहकारी समिति परसहर में डीएपी खाद वितरण हुआ पर मौजूद किसानों में से कुछ ही किसानों को खाद मिल सकी। अधिकतर किसानों को बिना खाद के निराश होकर घर वापस लौटना पड़ा। किसान रामकरन, महेन्द्र, हरिनाथ, रामकेवल, सदानन्द आदि ने बताया कि कि तीन दिन से समिति का चक्कर लगा रहे हैं। सचिव समिति पर ताला लगाकर गायब है। फोन भी नहीं उठ रहा है। गेहूं की बुवाई के लिए तैयार खेतों की नमी सूख रही है।
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