प्रधानों के संबंधी ले रहे मनरेगा से मजदूरी
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में प्रधानों के संबंधी भी मनरेगा से मजदूरी ले
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में प्रधानों के संबंधी भी मनरेगा से मजदूरी ले रहे हैं। नियमों के अनुसार किसी जनप्रतिनिधि का रक्त संबंधी मनरेगा से मजदूरी नहीं ले सकता है। पर पौली ब्लाक में किसी प्रधान क भाई, किसी का बेटा तो किसी के पिता के नाम से भुगतान किया गया। सोशल आडिट के दौरान ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
विकास खन्ड पौली के शनिचरा बाजार, सेवईपार, सकूरचक, रोसया बाजार में हुई सोशल आडिट टीम ने धरातलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जॉब कार्ड धारकों के मनरेगा कार्यों की पुष्टि के दौरान मनरेगा के कार्यों की मजदूरी में प्रधान के भाई, बेटे व बाप के नाम भुगतान करने का मामला सामने आया।
ग्राम पंचायत शनिचरा बाजार में वित्तीय वर्ष 2023-2024 में कुल पीएम आवास सहित 71 परियोजनाओं पर नाली, खड़ंजा, इन्टरलाकिंग, कच्चा-पक्का मिला कर लगभग 48 लाख रूपए से विकास कार्य कराया गया। यहां सोशल आडिट टीम के कोऑर्डिनेटर देवेंद्र तिवारी, कृष्ण कुमार, राम अनुज, ज्ञान दास, सरोज देवी की टीम जब सोशल ऑडिट करने पहुंची तो पाया कि 90 लोगों को 92 दिन, एक व्यक्ति को 99 दिन का रोजगार दिया गया है। इंटरलॉकिंग पर नौ तथा 26 कच्चे कार्यों पर काम कराया गया है। जिसमें मंडी से अस्पताल तक 80 मीटर की परियोजना स्वीकृत की गई है। भुगतान किया गया कार्य आधा-अधूरा पड़ा है। मुनिलाल के घर के सामने पोखरे की खोदाई का भुगतान मनरेगा से लिया गया है लेकिन कार्य नहीं कराया गया है। खेत के समतलीकरण में भी काफी अनियमितता बरतने का मामला प्रकाश में आया है। छोटेलाल के खेत से दुर्गेश के खेत तक इंटरलॉकिंग का कार्य एक महीने पूर्व कराया गया लेकिन मानक विहीन कार्य करवाए जाने के कारण दोनों तरफ की दीवारें ढह गईं। इस पर ग्रामीणों ने मानक विहीन कार्य कराए जाने का आरोप लगाया है। यहां जो कभी काम नहीं किया उसके नाम से भी हजारों हजार का भुगतान मनरेगा से लिया गया है। जिसमें सहदेव पुत्र नंदलाल, हरि नारायण, मिठाई की दुकान चलाने वाले दिलीप कुमार के नाम से भी भुगतान किया गया है। प्रधान ने अपने भाई महाजन पुत्र सभाजीत के नाम से भी मनरेगा के धन का भुगतान करवाया। जबकि उनके नाम से महाजन ट्रेडिंग कंपनी भी चलती है। इस प्रकार शनिचरा बाजार में मनरेगा के धन का काफी बंदरबांट किया गया। इसी क्रम मे सेंवईपार मे इस वित्तीय वर्ष मे कुल कच्चे कार्यों पर सात परियोजनाओं में लगभग 5 लाख रुपए खर्च किया गया। यहाँ प्रधान के बेटे के नाम से मनरेगा भुगतान का मामला सामने आया। ग्राम पंचायत सकूर चक में भी प्रधान ने अपने पिता राम केश के नाम से मनरेगा का भुगतान किया है।
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