नाम बदलकर करा लिया जेसीबी से खोदे गए पोखरे का भुगतान
संतकबीरनगर में एक तालाब के सुंदरीकरण के लिए मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू किया गया। जेसीबी से खुदाई करने के कारण भुगतान रोक दिया गया था। बाद में नाम बदलकर भुगतान करा लिया गया। सोशल ऑडिट में मामला...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में एक तालाब के भुगतान का ऐसा मामला आया है जिसमें जेसीबी से खुदाई के कारण भुगतान रोक दिया था। उसी परियोजना का नाम बदलकर भुगतान करा लिया गया। सोशल ऑडिट के दौरान जब सामने आया तो लोगों में खलबली मच गई। तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जबकि गांव के कुछ लोगों ने जांच करवाने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया है।
पौली ब्लॉक क्षेत्र के शनिचरा बाजार में काली जी के मंदिर के पास पोखरे के सुंदरीकरण के नाम पर 2021-22 में मनरेगा योजना से कार्य को शुरू कराया गया। इस कार्य में मजदूरों को न लगाकर जेसीबी से कार्य कराया जाने लगा। जिस पर गांव निवासी उमेश कुमार आदि लोगों ने विरोध किया तो इस कार्य को श्रमदान घोषित कर दिया गया। इसी पोखरे को शनिचरा बाजार बाग के पास पोखरा का नाम देकर 2023-24 में भुगतान करवा लिया गया। जब यह मामला सोशल ऑडिट में खुला तो गांव के लोग भौचक्के रह गए। ग्रामीणों का कहना है इस पोखरे से जेसीबी के द्वारा मिट्टी निकाली गई थी जबकि पोखरे को मनरेगा के तहत खुदाई करने की परियोजना बनाकर भुगतान करवाया गया। यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। इस संबंध में पूछने पर बीडीओ अर्जित प्रकाश ने बताया कि अभी जल्द ही कार्यभार ग्रहण किए हैं मुझे जानकारी नहीं है। पता कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।