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जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक व चार अन्य कर्मी समिति के रडार पर

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में जिला अस्पताल के तीन चिकित्सकों और चार अन्य कर्मियों पर निजी अस्पताल में सेवा देने के कारण कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है। एलआईयू की रिपोर्ट के आधार पर, सरकारी चिकित्सकों को नोटिस देने की...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 1 March 2025 11:00 AM
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जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक व चार अन्य कर्मी समिति के रडार पर

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर में जिला अस्पताल में तैनात तीन चिकित्सक समेत चार अन्य कर्मियों पर निजी अस्पताल में सेवा देने के कारण इन पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिले की एलआईयू टीम ने इन कर्मियों पर शहर के विवेकानंद हॉस्पिटल पर प्रैक्टिस करने की रिपोर्ट सौंपी है। जिले की पुलिस विभाग की गुप्तचर टीम ने इन कर्मियों के नाम की सूचना जिला सतर्कता समिति को उपलब्ध करा दी है। टीम अब इन्हें नोटिस देने की तैयारी कर रही है। आए दिन सरकारी चिकित्सकों के निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने का मामला प्रशासन के संज्ञान में आया करता है। इस मामले को संज्ञान में लेकर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि जिले में डीएम की अध्यक्षता में जिला सतर्कता निगरानी समिति का गठन किया जाय। इसमें डीएम के अलावा सीएमओ व एलआईयू विभाग शामिल रहेगा। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि सरकारी चिकित्सक कहीं बाहर के अस्पतालों में प्रैक्टिस करते हुए मिले तो उनके ऊपर कड़ी विधिक कार्रवाई की जाए। जिले में यह समिति अब पूरी तरह से सक्रिय हो गई है।

इसी क्रम में एलआईयू ने यह पता किया है कि शहर के विवेकानंद अस्पताल पर जिला अस्पताल में तैनात एक फिजीशियन, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक बेहोशी के डॉक्टर लगातार यहां पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां पर तीन अन्य कर्मी भी सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर यहां पर सेवा दे रहे हैं। सतर्कता समिति को अब इन कर्मियों के नाम भी जिले की एलआईयू ने उपलब्ध करवाएं हैं। अब सीएमओं इन कर्मियों को नोटिस देने की तैयारी कर रहे हैं।

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जिले के निजी अस्पताल पर सरकारी चिकित्सकों से सेवा लेने पर पहली बार हो रही कार्रवाई :

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गुरुवार को विवेकानंद हॉस्पिटल के संचालक को अस्पताल पर सरकारी चिकित्सकों से उपचार कराने के आरोप में नोटिस भेजी थी। संचालक को भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि तीन दिन के अंदर समिति के अध्यक्ष के पास अपना तर्कसंगत पक्ष रखें। अन्यथा की स्थिति में अस्पताल का पंजीयन निरस्त होने के अलावा संचालक पर विधिक करवाई की जाएगी। इसको लेकर शुक्रवार को जिले के निजी अस्पताल संचालकों में खलबली मच गई है। वहीं सरकारी चिकित्सक भी जिला प्रशासन के इस कड़े तेवर को देखकर सकते में आ गए हैं। ऐसे में यदि जिला प्रशासन का यही रुख रहा तो जिले के कई अस्पताल के साथ-साथ चिकित्सक भी बेनकाब हो सकते हैं।

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जिले के कई अस्पताल सरकारी चिकित्सकों की ले रहे हैं सेवा

वैसे तो समिति ने विवेकानंद हॉस्पिटल को नोटिस भेज कर कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। लेकिन यदि इसी तरह से जिला सतर्कता समिति सक्रिय रही तो कई निजी अस्पताल पर बैठने वाले बेनकाब हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार अब हाईवे पर स्थित एक नर्सिंग होम के अलावा शहर के एक जाने-माने अस्पताल पर भी कार्रवाई की तलवार लटकती दिख रही है।

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