मास्टर माइंड नहीं बिचौलिया निकला संजय गर्ग, मुंबई में बैठा है फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का असली खिलाड़ी
- संजय गर्ग के ऑर्डर पर सुमित ही फर्जी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट बनाकर उसे भेजता और वह ऑर्डर के हिसाब से पूरे देश में सप्लाई करता था। संजय से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली है। अब सुमित की तलाश शुरू हो गई है। सुमित भी जयपुर का ही रहने वाला है। वह मुम्बई में रहता है। उसने वहीं एक फर्म भी बनाई है।
Fake high security number plate: गोरखपुर में फर्जी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के मास्टर माइंड माने जाने वाले संजय गर्ग की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि संजय गर्ग सिर्फ बिचौलिया है। असली खिलाड़ी मुंबई का सुमित है। संजय गर्ग के ऑर्डर पर सुमित ही फर्जी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट बनाकर उसे भेजता और वह ऑर्डर के हिसाब से पूरे देश में सप्लाई करता था। संजय से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली है। अब सुमित की तलाश शुरू हो गई है। पुलिस के मुताबिक सुमित भी जयपुर का ही रहने वाला है लेकिन वह मुम्बई में रहता है। उसने वहीं एक फर्म भी बनाई है।
दरअसल, राजस्थान के जयपुर के शांतिनगर के रहने वाले संजय गर्ग को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर देश भर में बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड के रूप में संजय गर्ग का नाम सामने आया था। आरोपी संजय को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर शनिवार को पुलिस गोरखपुर पहुंची। उसके मोबाइल के व्हाट्सएप नंबर की जांच करने पर पता चला कि वह हरियाणा, मुंबई, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ, नागालैंड और पंजाब समेत अन्य राज्यों में फर्जी नंबर प्लेट बनाकर भेजता है। इससे पहले इसी मामले में अलीनगर निवासी एक युवक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसी से पूछताछ के आधार पर संजय गर्ग की जानकारी हुई थी। अब संजय गर्ग ने सुमित का नाम बताया है।
संजय गर्ग ने बताया कि उसके पास हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट का ऑर्डर आता था और उस ऑर्डर को वह मुम्बई में सुमित के पास भेजता था। वहां से जब नम्बर प्लेट बनकर आता था तब उसे सप्लाई देता था। गिरफ्तारी करने गई टीम को संजय के पास हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट बनाने का कोई उपकरण भी नहीं मिला था। लिहाजा मुम्बई के सुमित पर अब पुलिस ने काम शुरू कर दिया है। उसके पकड़े जाने से इस गिरोह का खुलासा होने की उम्मीद है।
संजय के पास पूरे देश से आता है ऑर्डर
संजय की गिरफ्तारी के बाद कोतवाली पुलिस ने उसके मोबाइल की जांच की तो उसमें कई अहम जानकारी मिली। पुलिस ने बताया कि करीब पांच घंटे मोबाइल की जांच पड़ताल की गई। इतनी देर में संजय के व्हाट्सएप नंबर पर 10 राज्यों से 50 से अधिक गाड़ियों के नंबर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के लिए आए। संजय को व्हाट्सएप पर ऑर्डर मिलता है। इसके बाद वह प्रत्येक नंबर प्लेट के लिए एक हजार रुपये लेता था। नंबर प्लेट बनाकर वह कूरियर के माध्यम से भेजता था। कोतवाली पुलिस ने संजय को मोबाइल कब्जे में ले लिया है।
इस तरह से सामने आया था यह मामला
लखनऊ की रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने का ठेका मिला है। कंपनी के पास गोरखपुर से फर्जी नंबर प्लेट की शिकायत आ रही थी। कंपनी के रीजनल हेड मो. सारिक ने कोतवाली थाने में 31 जुलाई को केस दर्ज करवाया था। इसके बाद पुलिस ने अलीनगर की एक दुकान पर छापा मारकर रसूलपुर निवासी एहसान अली को गिरफ्तार किया। एहसान ने ही पुलिस को बताया था कि जयपुर के व्यक्ति के पास गाड़ी का नंबर वाट्सएप करने पर वह कूरियर के माध्यम से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तैयार कर भेजता था। इसके बाद से ही पुलिस संजय गर्ग की तलाश कर रही थी।