कोहरा, छुट्टा पशु किसानों और आमजन के लिए चुनौती
तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में छुट्टा पशुओं का आतंक और घना कोहरा किसानों और आमजन के लिए गंभीर समस्याएं बन गए हैं। छुट्टा पशु फसलों को बर्बाद कर रहे हैं और कोहरे के कारण सड़क हादसों का खतरा बढ़...
तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों छुट्टा पशुओं का आतंक और घना कोहरा किसानों और आमजन दोनों के लिए गंभीर समस्याएं बन गए हैं। एक ओर, जहां छुट्टा पशु झुंड में आकर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, कोहरे के कारण किसानों और सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए खतरा बढ़ गया है। छुट्टा पशुओं से निपटने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली कर रहे हैं। घने कोहरे के कारण रातें सर्द और चुनौतीपूर्ण हो गई हैं, फिर भी किसान मजबूर होकर खेतों में डटे हुए हैं। दिन में भी किसान अपने परिवार के सदस्यों की मदद से फसलों की रक्षा कर रहे हैं। फसल की निगरानी करते हुए कई बार किसानों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा है। कोहरे के कारण छुट्टा पशु रात में दिखाई नहीं देते, जिससे उनकी फसलें बड़ी संख्या में नष्ट हो रही हैं।
सड़क हादसों की आशंका
छुट्टा पशु सड़कों और हाईवे पर झुंड बनाकर खड़े रहते हैं। घने कोहरे के चलते ये दिखाई नहीं देते, जिससे वाहनचालकों को गंभीर दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। कई हादसों में वाहन चालकों को चोटें आई हैं और वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सरकारी इंतजाम अधूरे
सरकार ने छुट्टा पशुओं के लिए गौशालाओं का निर्माण किया है लेकिन ये अब तक प्रभावी नहीं हो पाए हैं। गौशालाओं में सीमित जगह और छुट्टा पशुओं की बढ़ती संख्या ने समस्या को और बढ़ा दिया है। घने कोहरे और छुट्टा पशुओं की समस्या ने किसानों और आमजन की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि न सिर्फ किसानों की फसलें सुरक्षित रहें, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी रोका जा सके।
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