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संभल के प्राचीन सूरज कुंड मंदिर का होगा विकास, पर्यटन का बनेगा केंद्र

Sambhal News - सूरज कुंड मंदिर, जो प्राचीन है, को 15वें वित्त आयोग के तहत विकसित किया जाएगा। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और सौंदर्यीकरण तथा अतिक्रमण हटाने की योजना बनाई। यह मंदिर...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलWed, 26 Feb 2025 11:26 PM
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संभल के प्राचीन सूरज कुंड मंदिर का होगा विकास, पर्यटन का बनेगा केंद्र

जिले के प्राचीन सूरज कुंड मंदिर को 15वें वित्त आयोग के तहत विकसित किया जाएगा। बुधवार को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर सौंदर्यीकरण और अतिक्रमण हटाने की कार्ययोजना तैयार की। प्रशासन की पहल से यह ऐतिहासिक तीर्थस्थल आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। संभल महात्म्य में पहले नंबर पर गिने जाने वाले देवतीर्थ सूरज कुंड मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। 10वीं या 11वीं सदी के इस मंदिर में एक विशाल तालाब है। जहां श्रद्धालु स्नान कर पूजा सामग्री अर्पण करते हैं। निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। उन्होंने एसडीएम व लेखपाल को भूमि की पैमाइश कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। साथ ही, चार मार्च मंगलवार को दोनों पक्षों को साक्ष्य और कागजात के साथ तलब किया गया है। डीएम ने बताया कि पर्यटन विभाग के तहत मंदिर में यात्री शेड, कुंड के जीर्णोद्धार और अन्य सुविधाओं का विकास किया गया है। डीएम ने कहा कि मंदिर का प्राचीन स्वरूप बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे यह आस्थावान तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। सूरज कुंड मंदिर हाईवे पर स्थित होने के कारण तीर्थाटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगा। मुख्य सड़क से 100 से 150 मीटर की पट्टी पर फैले मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण और संरक्षित विकास इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि संभल के प्राचीन तीर्थों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण कर इन्हें आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। सूरज कुंड मंदिर का पुनरुद्धार क्षेत्र के इतिहास, संस्कृति और श्रद्धा को नया जीवन देगा।

संभल का ऐतिहासिक महत्व और विकास कार्य

संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप ऐतिहासिक पहचान रखते हैं। प्रशासन अब तक 44 तीर्थों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका सौंदर्यीकरण कर चुका है। नगर पालिका क्षेत्र के प्रमुख देवतीर्थों और कूपों को 'वंदन योजना' के तहत विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

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