मौनी अमावस्या :: गंगाघाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, पुण्य लाभ की कामना
Sambhal News - मौनी अमावस्या के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर स्नान किया और सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए थे। पंडितों को दान देकर धर्म-कर्म का पालन किया गया।...
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर गंगा तटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार को राजघाट, नरौरा घाट, हरिबाबा बांध, सिसौना डांडा और साधुमणि घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ की कामना की। वहीं, घाटों पर पंडा-पुरोहितों को दान देकर धर्म-कर्म का पालन किया। प्रयागराज महाकुम्भ में भगदड़ जैसी घटनाओं से सीख लेते हुए प्रशासन ने इस बार खास सतर्कता बरती। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने खुद राजघाट बबराला का निरीक्षण किया और सुरक्षा, पार्किंग व्यवस्था एवं भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष निर्देश दिए। घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। मौनी अमावस्या पर बुधवार को भोर होते ही श्रद्धालुओं का घाटों की ओर आना शुरू हो गया। गांवों और दूर-दराज से आए श्रद्धालु पैदल ही गंगा घाट पहुंचे और स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। घाटों पर स्थित देवी और शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। घंटे-घड़ियालों की ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। स्नान के साथ-साथ घाटों पर मेला भी लगा, जहां सौंदर्य प्रसाधन, पूजा सामग्री, खिलौने और मिठाइयों की दुकानें आकर्षण का केंद्र बनीं। महिलाओं और बच्चों ने जमकर खरीदारी की, जिससे मेले में एक अलग ही रौनक देखने को मिली। पंडित पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के चलते श्रद्धालु हर साल बड़ी संख्या में गंगा तट पर स्नान के लिए पहुंचते हैं। पुलिस की मुस्तैदी के चलते पूरे आयोजन में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों ने पूरी सतर्कता बरती और यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पार्किंग व्यवस्था को भी सख्ती से लागू किया।
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