बरसते पत्थर, लड़ती खाकी, स्थानीय पुलिस बल ने संभाला मोर्चा
मस्जिद के सर्वे के दौरान लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पुलिस ने उपद्रवियों को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ गई। एसपी के नेतृत्व में कई पुलिस बल मौके पर थे, लेकिन...
मस्जिद के सर्वे के दौरान लोगों का हुजूम धीरे-धीरे कर उमड़ रहा था। पुलिस बल लोगों के भीड़ को समझाने का भरसक प्रयास कर रही थी लेकिन उपद्रव के लिए आमादा भीड़ में छिपे उपद्रवी किसी को सुनने को तैयार नहीं थे। एक तरफ मस्जिद में सर्वे चल रहा था तो दूसरी ओर मस्जिद के पीछे भीड़ ने पुलिस बल पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि बवाल इस कदर बढ़ जाएगा। पुलिस प्रशासन को मिलाकर मौके पर करीब तीन सौ जवान होंगे लेकिन गलियों में सड़कों पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ थी। इसके बावजूद भी खाकी पहने जवान भीड़ के बरसाए पत्थरों का जवाब देती रही। कई बार खाकी जरूर पीछे हटी। जिससे उनका मनोबल बढ़ा लेकिन जवानों ने हिम्मत नहीं हारी। पत्थर, गोली लगने के बाद भी पुलिस के जाबांज जवान उपद्रवी से लड़ते रहे और स्थिति को अंत में नियंत्रण में किया। वहीं सर्वे की टीम भी सर्वे कर महफूज चली गई।
शाही मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए बवाल में एसपी ने चार कंपनी पीएसी, आरआरएफ, आरएफ के साथ कई थानों की पुलिस बल को लगाया गया था लेकिन बवाल के बाद स्थानीय पुलिस ने ही मोर्चा संभाला। आरआरएफ पुलिस तो स्थानीय पुलिस बल के पीछे ही रही। बवाल में मोर्चा संभालने में मुख्य रूप से एसपी केके विश्नोई के साथ, एएसपी श्रीश्चंद्र, सीओ अनुज चौधरी, सदर कोतवाल अनुज तोमर, असमोली कोतवाल योगेश कुमार, कैला देवी थानाध्यक्ष राजीव कुमार मलिक, रजपुरा थानाध्यक्ष हरीश कुमार, एसआइ संजीव कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई। एसओजी की टीम भी पुलिस बल के साथ कंधे से कंधा मिलकर मोर्चा संभाले रही।
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