मां गंगा का अभिषेकर कर की गई 108 दीपक से महाआरती
नगर के कैथल गेट स्थित श्री देवी गंगा मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मां गंगा का अभिषेक, महाआरती और कथा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन किया और मां गंगा की महाआरती...
नगर के कैथल गेट स्थित श्री देवी गंगा मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मां गंगा का अभिषेक कर महाआरती की गई। इसके बाद मंदिर परिसर में कथा व्यास ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के महत्व से अवगत कराया। शुक्रवार सुबह मंदिर के महंत पंडित मनोज शर्मा एवं प्रवेश शर्मा ने मां गंगा का पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद मां गंगा का षोडशोपचार पूजन वेद मंत्रों से किया गया। श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन कर वातावरण को भक्तिमय कर दिया। पंडित मनोज शर्मा ने 108 दीपों से गंगा जी की महाआरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। रात्रि में मंदिर में देव दीपावली मनाई गई। इस अवसर पर कथा व्यास पंडित भूदेव शंखधार ने बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा, त्रिपुरारी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को पड़ रही है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है। इस दिन गंगा सहित पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। पापों का नाश होता हैं। कार्तिक पूर्णिमा हमें देवों की उस दीपावली में शामिल होने का अवसर देती है। जिसके प्रकाश से प्राणी के भीतर छिपी तामसिक वृतियों का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को स्नान अर्घ्य,तर्पण,जप-तप,पूजन,कीर्तन एवं दान-पुण्य करने से स्वयं भगवान विष्णु,प्राणियों को ब्रह्मघात और अन्य कृत्या-कृत्य पापों से मुक्त करके जीव को शुद्ध कर देते हैं। कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रद्धाभाव के साथ भाग लिया।
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