कल्कि नगरी में गूंजे श्री राम के जयकारे, माहौल भक्तिमय
Sambhal News - कर्नाटक के किष्किंधा से निकला 'किष्किंधा हनुमान रथ' मंगलवार को संभल पहुंचा। श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की चल प्रतिमा का स्वागत किया और प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की। यह यात्रा धार्मिक आस्था को सशक्त...
भगवान हनुमान की चल प्रतिमा को लेकर कर्नाटक के किष्किंधा से निकला 'किष्किंधा हनुमान रथ' मंगलवार को संभल की कल्कि नगरी पहुंचा। 'श्री राम जय राम जय जय राम' और 'सिया राम हनुमान' के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दंडी शिष्य और श्री हनुमान जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में यह रथयात्रा किष्किंधा से निकली है, जिसका उद्देश्य भगवान हनुमान की चल प्रतिमा के साथ भारत भ्रमण और धर्म जागरण करना है। संभलवासियों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण था जब भगवान हनुमान की चल प्रतिमा उनके शहर में पहुंची। इस यात्रा ने न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त किया, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द का भी अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। बुधवार को रथ ने नगर के प्रमुख मंदिरों का भ्रमण करते हुए पूजा-अर्चना की।
रथ के संभल पहुंचने पर सबसे पहले कल्कि विष्णु मंदिर में हनुमान जी की चल प्रतिमा का स्वागत किया गया। इसके बाद खग्गुसराय स्थित प्राचीन कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए भगवान के दर्शन किए। रथ यात्रा आगे बढ़ते हुए सूर्य कुंड मंदिर, पातालेश्वर मंदिर और वंश गोपाल तीर्थ पहुंची। इन स्थलों पर भी विशेष अनुष्ठान और पूजा संपन्न हुई। श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से हनुमान जी की आराधना की। किष्किंधा हनुमान रथ का दीपा सराय में तीन घंटे का प्रवास क्षेत्रीय सौहार्द का अद्भुत उदाहरण बना। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में राम-हनुमान के भजन गूंजते रहे। सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले में रथ के स्वागत में लोग उमड़ पड़े। भक्ति और सौहार्द का यह अद्भुत संगम इलाके में चर्चा का विषय बना रहा। रथयात्रा के दौरान पूरे रास्ते भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा के पाठ गूंजते रहे। श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ते रहे।
संभल में ही भगवान कल्कि का होगा अवतार : गोविंदानंद सरस्वती
स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि भगवान हनुमान की चल प्रतिमा भारत भ्रमण पर निकली है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से लेकर अयोध्या, मथुरा और कुंभ तक जाएगी। यह संयोग मात्र नहीं है कि आज हनुमान जी उसी नगरी में पहुंचे हैं, जहां कलियुग में भगवान कल्कि का अवतार होना है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पुराणों में वर्णित है। इसके प्रमाण का नक्शा हिंदी व उर्दू में बना है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने स्वयं यहां कल्कि विष्णु मंदिर का निर्माण कराया था।
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