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संभल में 47 वर्षों बाद प्रशासन ने वापस कराई भूमि

Sambhal News - 1978 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान घर छोड़कर गए परिवार को 47 वर्ष बाद न्याय मिला। प्रशासन ने उनकी भूमि वापस कराई। चन्दौसी और नरौली में रहने वाले परिवार ने डीएम और एसपी को शिकायत दी थी। भूमि की...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलWed, 15 Jan 2025 03:02 AM
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1978 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान घर छोड़कर गए परिवार को 47 वर्ष बाद न्याय मिला। मंगलवार को प्रशासन ने उनकी भूमि वापस कराई। माली समाज के इस परिवार की कुछ भूमि पर दूसरे समुदाय के लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था। पीड़ित परिवार वर्तमान में चन्दौसी और नरौली में रह रहा है। परिवार ने कुछ दिन पहले डीएम व एसपी को शिकायती पत्र देकर भूमि को कब्जामुक्त कराने की गुहार लगाई थी। मंगलवार को एसडीएम राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और भूमि की पैमाइश कराने के बाद उसे कब्जामुक्त कराया। चन्दौसी के गणेश कॉलोनी निवासी आशा देवी (पत्नी स्वर्गीय कमलेशचंद्र) व नरौली के काजी टोला निवासी रघुनंदन शर्मा ने डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई को शिकायती पत्र देकर कहा कि संभल में रोडवेज के पास उनका दो बीघा का बाग था। 1978 के दंगे में वह परिवार के साथ घर छोड़कर चले गए और परिवार के सभी लोग अलग-अलग रहने लगे। उस भूमि पर दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया। दंगे के बाद पीड़ित परिवारों ने पुलिस प्रशासन से भूमि कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई लेकिन भूमि कब्जा मुक्त नहीं हो पाई। वर्ष 2020 में भी रघुनंदन शर्मा ने पुलिस प्रशासन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर भूमि कब्जामुक्त कराने की गुहार लगाई थी लेकिन तब भी कोई कार्र‌‌वाई नहीं हो पाई। इसके बाद चन्दौसी निवासी आशा देवी और उनके परिवार के लोगों ने फिर डीएम व एसपी को शिकायती पत्र और जमीन के दस्तावेज सौंपे थे।

अफसरों ने टीम गठित कर एसडीएम को दी जिम्मेदारी

संभल। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने जांच करने के बाद टीम गठित की। मंगलवार को एसडीएम बंदना मिश्रा पुलिस फोर्स और राजस्व विभाग की टीम को लेकर मौके पर पहुंचीं। जिस भूमि को आशा देवी और रघुनंदन का परिवार अपनी बता रहा था। वहां जन्नत निशा स्कूल का संचालन हो रहा था। एसडीएम ने भूमि की पैमाइश कराई, तो स्कूल संचालक डॉ. शाहबेज ने दस्तावेज दिखाए। उनके पास कुछ क्षेत्रफल का एक तिहाई भूमि का बैनामा 1976 का था। मौके पर एएसपी श्रीश्चंद्र व एसडीएम ने जांच की। जांच और पैमाइश करने के बाद एसडीएम ने करीब एक हजार स्क्वायर फिट भूमि को स्कूल संचालक के कब्जे से मुक्त कराया और पीड़ित परिवारों की सुपुर्दगी में दे दिया।

वर्जन--

परिवार के लोगों ने शिकायती पत्र देकर अवैध कब्जे की शिकायत की थी। मंगलवार को पीड़ित परिवार को बुलाकर भूमि की पैमाइश कराई गई, तो पाया गया है कि उनकी भूमि बची हुई है। परिवार को बुलाकर उनकी भूमि पर कब्जा दिला दिया गया।

डॉ. बंदना मिश्रा, एसडीएम।

वर्ष 1978 के दंगे में जो परिवार घर छोड़कर चला गया था। उस परिवार को उसकी भूमि की पैमाइश कराकर कब्जामुक्त कराया है। बुधवार को वह मौके पर पहुंचेंगे और आगे की कार्रवाई कराएंगे।

कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी।

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