न्यायिक जांच आयोग ने एडीएम समेत 29 लोगों के बयान दर्ज किए
Sambhal News - शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग ने संभल का दौरा किया। आयोग ने 29 लोगों के बयान दर्ज किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की गंभीरता को...
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शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए शासन की ओर से बनाए गए न्यायिक जांच आयोग ने शुक्रवार को चौथी बार संभल का दौरा किया। इस दौरान आयोग ने एडीएम, सर्वे टीम में शामिल अधिवक्ताओं व शपथ पत्र देने वाले कुल 29 लोगों के बयान दर्ज किए। टीम शनिवार को भी शेष लोगों के बयान दर्ज करेगी। डीएम व एसपी के भी बयान भी शनिवार को दर्ज किए जा सकते हैं। बता दें कि संभल हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था। जिसमें पूर्व डीजीपी अरविंद जैन और रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव अमित मोहन को भी शामिल हैं। शुक्रवार को आयोग की टीम चौथी बार करीब साढ़े दस बजे पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंची। जहां डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने स्वागत किया। जिसके बाद आयोग की टीम ने बयान दर्ज करने शुरू किए। सबसे पहले आयोग की टीम ने एडीएम प्रदीप वर्मा के बयान दर्ज किए। इसके बाद सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव, एएसआई अधिवक्ता विष्णु शर्मा, डीजीसी प्रिंस शर्मा समेत 29 लोगों के बयान दर्ज किए। करीब साढ़े छह घंटे बयान दर्ज किए गए।
पूर्व डीजीपी जैन ने बताया कि पहले दिन शपथ पथ व प्रार्थना पत्र देने वाले एडीएम, डाक्टर समेत 29 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। शेष लोगों के शनिवार को बयान दर्ज होंगे। बयान दर्ज कराने के लिए 52 लोगों शपथ पत्र दिए हैं। शनिवार को मस्जिद कमेटी के साथ हिंदू पक्ष के वकील श्रीगोपाल समेत डीएम-एसपी के बयान दर्ज हो सकते हैं।
अब तक क्या-क्या हुआ?
1 दिसंबर को आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर अधिकारियों से जानकारी जुटाई।
21 जनवरी को आ्योग ने जामा मस्जिद क्षेत्र और उस स्थान का निरीक्षण किया जहां विदेशी कारतूस मिले थे। इस दौरान 21 पुलिसकर्मियों समेत 60 लोगों के बयान दर्ज किए गए।
30 जनवरी को तीसरी बार आई टीम ने स्वास्थ्य, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए, जिनमें एएसपी श्रीशचंद्र और डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू शामिल रहे।
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