उपभोक्ता कोर्ट ने लापरवाह चिकित्सक पर लगाया चार लाख का जुर्माना
आईवीएफ तकनीक से गर्भ धारण कराने में लापरवाही बरतने पर डॉक्टर पर चार लाख का जुर्माना लगाया गया। महिला का गर्भ ट्यूब में था और गर्भपात कराना पड़ा। जिला उपभोक्ता आयोग ने लापरवाही मानते हुए डॉक्टर को दोषी...
आईवीएफ तकनीक से गर्भ धारण कराने में लापरवाही बरतना डाक्टर को भारी पड़ गया। महिला का गर्भ ट्यूब में था। बाद में महिला की हालत गंभीर होने पर उसका गर्भपात कराना पड़ा। जिला उपभोक्ता आयोग में ने चिकित्सक की लापरवाही मानते हुए उस पर चार लाख का जुर्माना लगाया है। महिला के अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय ने बताया कि गोलागंज कस्बा बहजोई निवासी नीलू वर्मा काफी समय से गर्भ धारण नहीं कर पा रहीं थीं। वह वर्ष 2021 में मुरादाबाद के सुरभि आईवीएफ सेंटर की डॉ.मोना अग्रवाल के पास गईं। डॉक्टर ने कई टेस्ट कराए और तकनीक का प्रयोग करने के लिए 1 लाख 65 हजार जमा कराया। मई 2022 को आईवीएफ तकनीक से पीड़िता को गर्भधारण कराया गया। लेकिन, न तो अल्ट्रासाउंड कराया और न ही उचित देखभाल की गई। दो जुलाई, 2022 को अल्ट्रासाउंड के बाद पता चला कि बच्चा गर्भ में न होकर ट्यूब में है।
डाक्टर ने तुरंत गर्भपात कराने की सलाह दी। बताया कि ऐसा नहीं होने से स्वास्थ्य खराब हो जाएगा। नीलू को उसी समय गर्भपात कराना पड़ा। पीड़िता ने जिला उपभोक्ता आयोग संभल में डॉ.मोना अग्रवाल के विरुद्ध परिवाद योजित किया। आयोग ने डाक्टर के कृत्यों को लापरवाहीपूर्ण मानते हुए पीड़िता को 4 लाख जुर्माना और उस पर सात प्रतिशत ब्याज अदा करने के आदेश दिए। साथ ही 10 हजार वाद व्यय, दो माह के अंदर देने अन्यथा ब्याज नौ प्रतिशत करने के आदेश दिए।
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